केवीके बड़वानी में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया
06 दिसम्बर 2022, बड़वानी: केवीके बड़वानी में विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया – कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. एस.के. बड़ोदिया के मार्गदर्शन में 5 दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस मनाया गया । इस आयोजन में कृषि विभाग बड़वानी की आत्मा परियोजना से श्री अंतिम दीक्षित , श्री गौतम पाटीदार एवं रिलायंस फाउंडेशन -बड़वानी से श्री विजय खैरनार, श्री विजय पाटीदार, श्री संदीप मोहबे नीति आयोग सीपा-सुनहरा कल संस्था बड़वानी व प्रगतिशील कृषकों ने भागीदारी की ।
सर्वप्रथम डाॅ. बड़ोदिया ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सचिव एवं महानिदेशक डाॅ.हिमांशु पाठक के सन्देश को उपस्थित कृषकों को पढ़कर सुनाया । इसके पश्चात कहा कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति के प्रति सभी में जागरूकता लाने के उद्देश्य से 5 दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है । उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों और कीड़ेमार दवाईयों के लगातार उपयोग करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आ रही है व साथ ही जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भी मृदा की उर्वरा शक्ति प्रभावित हो रही है । आज के समय में सभी कृषकों को अपने खेत की मिट्टी का मृदा स्वास्थ्य पत्रक तैयार कराना चाहिये । मृदा स्वास्थ्य पत्रक में मिट्टी का पी.एच. मान, विद्युत चालकता अम्लीयता, क्षारीयता, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश के अलावा कापर, जिंक, मैगनीज, सल्फर, तांबा, लोहा, बोरान सूक्ष्म तत्वों की जानकारी व इनकी आपूर्ति हेतु अनुशंसित मात्रा की सलाह दी जाती है। अनुशंसा के आधार पर ही उर्वरकों का प्रबंधन करना चाहिये, असंतुलित रूप से उर्वरकों के उपयोग से भी मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है । इसके साथ ही कृषकों को जैविक खेती अपनाना चाहिये ।
मुख्य अतिथि श्री जमरे ने कहा कि मृदा की उर्वरकता सामान्यतः मिट्टी के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों पर निर्भर करता है। इसलिये कृषकों को अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण अवश्य कराना चाहिये तथा अनुशंसा के आधार पर अपने खेतों में उर्वरकों का प्रबंधन कर लागत में कमी लाना चाहिए । केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. डी.के. तिवारी ने कहा कि फसल चक्र अपनाया जाना भी आवश्यक है । जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। मौसम वैज्ञानिक श्री रविन्द्र सिकरवार ने खेती में मिट्टी परीक्षण के लाभ के विषय में चर्चा की व बताया कि किस प्रकार से मिट्टी की जांच कराकर व वैज्ञानिक अनुशंसा के आधार पर कृषि सब्जियों , फलों व फूल की खेती करने से अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है साथ ही आय में भी वृद्वि होती है।
इस अवसर पर केन्द्र द्वारा जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु बी.एम. कृषि महाविद्यालय की छात्राएं कु. नैन्सी बाफना ने पाॅवरपाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कृषकों को प्रेरित किया एवं कु. आँचल पटेल ने प्राकृतिक खेती विषय पर जानकारी दी । आत्मा परियोजना से श्री अंतिम दीक्षित द्वारा मृदा परीक्षण का महत्व बताते हुए इसके परीक्षण पर जोर दिया। श्री गौतम पाटीदार ने जिले में उपलब्ध मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की जानकारी देते हुए मिट्टी के नमूना लेने की विधि व उपयुक्त समय की जानकारी प्रदान की । इस कार्यकम के सफलतापूर्वक आयोजन में रिलांयस फाउंडेशन बड़वानी, नीति आयोग-सुनहरा कल संस्था बड़वानी एवं केन्द्र के तकनीकी अधिकारी श्री यू.एस.अवास्या, लेखापाल श्री रंजीत बारा, सहायक श्री जितेन्द्र अलावा व बी.एम. कृषि महाविद्यालय खंडवा की राॅवे कार्यक्रम अन्तर्गत आई छात्राओं का योगदान रहा ।
महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (30 नवम्बर 2022 के अनुसार)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )