राज्य कृषि समाचार (State News)

कम जगह में अच्छी आय का साधन मशरूम की खेती

17 अगस्त 2023, सागर: कम जगह में अच्छी आय का साधन मशरूम की खेती – सागर जिले की  श्रीमती आशा पति जितेन्‍द्र चौरसिया द्वारा घर पर ही भूमि प्रबंधन का उपयोग करते  हुए  अनुपयोगी  जगह पर मशरूम की खेती की जा रही है। श्री जितेन्‍द्र बताते हैं  कि उन्होंने  एवं उनकी पत्नी आशा  द्वारा डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से मशरूम की खेती का  एक वर्षीय  डिप्लोमा  पाठ्यक्रम किया गया है। डिप्लोमा के समय के अन्य साथी श्री कृपाल ठाकुर, श्री रवींद्र  यादव, श्री राघवेन्‍द्र रैदास, श्री आशुतोष पाण्डेय के सहयोग से यह मशरूम उत्पादन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि श्री जितेन्‍द्र द्वारा ऑयस्‍टर मशरूम के 3 किलो स्पान ग्वालियर से लाकर 25 बैग में लगाये गये हैं  जिनकी पहली हार्वेस्टिंग 30 दिनों बाद 16 अगस्त को की गई , जिसमें 5 किलो मशरूम प्राप्‍त हुआ है। उक्त फसल को लगाने में किसी भी प्रकार का रसायन उपयोग नहीं किया गया है  पूर्णतः  जैविक तरीके से मशरूम को लगाया गया है। कम जगह में अच्छी आय का साधन मशरूम की खेती से लिया जा सकता है।संयुक्‍त संचालक  कृषि  श्री बी एल मालवीय द्वारा मशरूम की खेती का अवलोकन किया गया एवं किये गये कार्य की सराहना की।

श्री महेंद्र मोहन  भट्ट,उप संचालक उद्यान , सागर ने  बताया  कि ओयस्टर मशरूम में फाइबर,बीटा-ग्लूकॉन, कैलोरी, वसा, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं । साथ ही इसमें नियासिन,राइबोफ्लेविन और पैण्टोथेनिक एसिड जैसे विटामिन पाए जाते हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और हार्ट की कई समस्याओं को दूर करने में  मदद मिलती  है। साथ ही से पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है। इसके अलावा यह एलर्जी समस्याओं में भी काफी कारगर है।

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