युवाओं में कौशल विकास से मिलेंगे रोजगार के अवसर- डॉ. राठौड़
1 जनवरी 2022, उदयपुर । युवाओं में कौशल विकास से मिलेंगे रोजगार के अवसर- डॉ. राठौड़ – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 21 दिवसीय शाीतकालीन स्कूल’’कृषि में रोजगार हेतु ग्रामीण युवाओं में कौशल विकास’’ का शुभारंभ आज महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पशुउत्पादन विभाग, राजस्थान कृषि महाविद्यालय में हुआ । पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा॰ लक्ष्मण सिंह राठौड़ (पूर्व निदेशक भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) ने अपने उद्बोधन में कहा कि युवाओं में कौशल अपनाने की क्षमता ज्यादा होती है अतः उनके लिए ऐसे कौशल विकास के कार्यक्रम सृजित किये जाने चाहिए जो उन्हें कृषि में रोजगार के लिए प्रेरित करें । ग्रामीण युवाओं में कौशल की कमी के साथ साथ भूमि एवं ऋण की समस्या रहती है । आज जरूरत है कि ऐसी नीति बनाई जाए जो ग्रामीण क्षेत्र की जरूरतों को पूरा कर सकें एवं उन्हें समूह में जोड़कर नये अवसर दिये जा सकें । समूह होने से वित्तीय सहायता आसानी से मिल सकती है और युवाओं के विचारों को नीति निर्धारण प्रक्रिया में महत्व दिया जा सकता है ।
डा. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता करते हुए वर्तमान में युवाओं का कृषि में रूचि का अभाव है क्योंकि कृषि में कई समस्याएं है अतः आज आवश्यक है कि कृषि में कौशन विकास किया जाय । उन्होने कहा कि देश में केवल 49 प्रतिशत युवा ही शिक्षा ले पाते हैं और केवल 10 प्रतिशत ही उच्च शिक्षा के लिए जाते है । हमारे देश में 90 प्रतिशत कृषकों के पास एक हेक्टर से कम भूमि है एवं कृषि में कई समस्याएंे हैं । हमें युवाओं को कृषि में रोजगार सृजनकर्ता बनाने की जरूरत हैं । उन्होनें कौशल को परिभाषित किया और कहा कि इसमें 5 चीजों का समावेश है जिसमें स्वयं का आत्म विश्वास, ज्ञान, नवाचार सीखने की चेष्टा तथा नेतृत्व क्षमता है ।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान डा. एस. के. शर्मा निदेशक अनुसंधान ने विषय पर प्रकाश डालते हुए इसकी महत्ता बताई । आज ग्रामीण युवा बहुत संघर्ष कर रहे हंै और उन्हें उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है । कृषि के 125 सब-सेक्टर है परन्तु इसका ज्ञान अभी युवाओं को नहीं है । इससे पूर्व डा॰ लोकेश गुप्ता प्रशिक्षण प्रभारी द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षाणार्थियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि इसमें सात राज्यों से 25 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं और कुल 46 व्याख्यान, 6 फिल्ड भ्रमण एवं 12 प्रायोगित सत्र होगें । डा॰ रेखा व्यास, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक द्वारा आगन्तुकों का स्वागत किया गया एवं कार्यक्रम का संचालन डा॰ रोशन चैधरी एवं धन्यवाद डा॰ सिद्वार्थ मिश्रा ने ज्ञापित किया ।