State News (राज्य कृषि समाचार)

उर्वरक संकट से जूझ रहा किसान

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मुख्यमंत्री ने कहा – खाद की कमी नहीं

  • (विशेष प्रतिनिधि)

16 नवम्बर 2022, भोपालउर्वरक संकट से जूझ रहा किसान – प्रदेश में रबी सीजन की शुरुआत से ही किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। लम्बी-लम्बी लाईन लगाने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। रबी सीजन के लिए प्रदेश में कुल 90 लाख से अधिक किसानों के लिए लगभग 26 लाख मीट्रिक टन खाद की मांग होती है। इसके विरुद्ध आपूर्ति में बेहद कमी है। राज्य में लगभग 54 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। इधर सरकार ने दावा किया है कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है। मुख्यमंत्री निरन्तर समीक्षा कर रहे हैं। इससे स्थिति में कुछ सुधार हुआ है फिर भी किसान परेशान है क्योंकि रबी सीजन अपने चरम पर है। दिन प्रतिदिन स्थितियां बदल रही हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 11 नवम्बर तक की स्थिति में यूरिया 1.89 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित, डीएपी 1.33 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित एवं एनपीके 52 हजार मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है।

खाद भरपूर, किसान मजबूर

प्रदेश में खाद उपलब्ध है लेकिन किसान की स्थिति ऐसी है कि सामने भरी हुई थाली है परन्तु निवाला मुंह तक नहीं पहुँच पा रहा है। स्थिति यह है कि सहकारी समितियों से अऋणी और नियमित खातेदार किसानों को उनके रकबे के मुताबिक प्रति बीघा एक बोरी उर्वरक दिया जा रहा है। इस बारे में देपालपुर तहसील के ग्राम बिरगोदा के एक नियमित किसान ने बताया कि सहकारी समिति से एक पावती पर 5 बोरी उर्वरक दिया गया, ताकि सभी किसानों को उर्वरक उपलब्ध करवाया जा सके। यह स्थिति लगभग पूरे प्रदेश में व्याप्त है। सभी किसानों को उर्वरक मिल सके इसके लिए पहले शासन द्वारा चूककर्ता (डिफाल्टर) किसानों को भी सहकारी समितियों से उर्वरक देने के आदेश हुए थे ,जिसे गत दिनों  निरस्त कर दिया गया। इस बारे में देपालपुर तहसील की  ग्राम गोकलपुर की सहकारी समिति के प्रबंधक श्री भेरू जाट ने कृषक जगत को बताया कि ऐसे किसानों को अब मार्केटिंग के गोदाम/वेयरहाउस से उर्वरक दिया जा रहा है। सेमदा के चूककर्ता किसान श्री गजराज परमार ने बताया कि उन्हें मार्केटिंग से एक बीघा पर एक बोरी खाद दिया गया। सरकार के आदेशानुसार 70 प्रतिशत उर्वरक सहकारी क्षेत्र को मिलने के बावजूद उर्वरक वितरण व्यवस्था ध्वस्त होती नजर आ रही है। किसानों को उनकी मांग के अनुरूप उर्वरक नहीं मिल रहा है।

नीतियों की विसंगतियां

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी उच्चस्तरीय बैठकों में कह रहे हैं कि प्रदेश में उर्वरक की उपलब्धता पर्याप्त है अधिकारी भण्डारण-वितरण की व्यवस्था को व्यवस्थित करें । इसके बावजूद उर्वरक वितरण में नए-नए प्रयोग चालू हैं। उर्वरक वितरण में सहकारी क्षेत्र के अलावा निजी उर्वरक विक्रेता चैनल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो समय-असमय किसान को उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहता है। उर्वरक व्यापारी के लिए सीमित संसाधनों में एक अतिरिक्त काउंटर की व्यवस्था करना कठिन काम है वहीं किसान भी परेशान है कि पहले काउंटर से टोकन ले फिर विक्रेता की दुकान से उर्वरक उठाये। इस अव्यवहारिक आदेश का मैदानी स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया है। प्रदेश के वीआईपी जिले विदिशा में तो उर्वरक व्यापारियों ने सामूहिक रूप से निर्णय ले कर 20 नवम्बर तक उर्वरक की खरीदी ही बंद कर दी है।    

उर्वरक व्यवस्था

केन्द्र सरकार द्वारा माह नवम्बर 2022 के लिए यूरिया का आवंटन 7 लाख मीट्रिक टन (285 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी एवं 4.15 लाख मीट्रिक टन आयातित) एवं डीएपी का आवंटन 1.94 लाख मीट्रिक टन (0.20 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी एवं 1.74 लाख मीट्रिक टन आयातित) दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक 11 नवम्बर की स्थिति में यूरिया का स्टॉक 2.25 लाख मीट्रिक टन, डीएपी का स्टॉक 1.45 लाख मीट्रिक टन एवं एनपीके का स्टॉक 1.11 लाख मीट्रिक टन है।

सरकार के प्रयास

विपणन संघ द्वारा माह नवम्बर के लिए 175 यूरिया की रेक एवं 78 रेक डीएपी की मांग की गई है, जिसके विरूद्ध 1 नवम्बर से 11 नवम्बर तक 57 यूरिया की रेक एवं 36 डीएपी की रेक एवं एनपीके की 15 रेक ट्रांजिट सहित मिली हैं।
विपणन संघ के 240 डबललॉक केन्द्रों से नगद वितरण किया जा रहा है, भीड़ वाले डबललॉक केन्द्रों पर 150 अतिरिक्त केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से 144 केन्द्रों द्वारा विक्रय किया जा रहा है।
जिलों को डबललॉक केन्द्रों पर निजी उर्वरक विक्रेताओं के काउंटर स्थापित करने के निर्देश 3 नवम्बर, 2022 को जारी किये गये। 4 नवम्बर को 23 काउंटर प्रारंभ किये गये थे, जो बढ़ कर 10 नवम्बर को 406 काउंटर हो गये हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश:

 

  • कहीं भी ब्लैक न हो खाद
  • किसान को कहीं जबरन खाद न दें।
  • कलेक्टर्स भ्रमण करते रहें।
  • किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
  • जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
  • अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।

CM chouhan

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को सहज ढंग से बिना परेशानी के खाद मिले, उन्हें लाइन न लगानी पड़े, यह सुनिश्चित करें। उर्वरक की उपलब्धता है, वितरण व्यवस्था की जहाँ कमी है, उसे दूर किया जाये। सभी कलेक्टर्स व्यवस्था करें कि किसानों को उर्वरक लेने के लिये लाइन न लगाना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया से पूर्ण सहयोग मिला है।

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