State News (राज्य कृषि समाचार)

किसान नरवाई का उपयोग जैविक खाद बनाने में करें

Share

06 अप्रैल 2023, इंदौर: किसान नरवाई का उपयोग जैविक खाद बनाने में करें – नरवाई जलाने की अपेक्षा अवशेषों और डंठलों को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर कृषक स्वयं का जैविक खाद बना सकते हैं। खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या डिस्क हेरो आदि की सहायता से फसल अवशेष भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश खाद की बचत की जा सकती है। साथ ही पशुओं के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगड़ने से बचाया जा सकता है।  कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ मेनेजमेंट सिस्टम को सामान्य हार्वेस्टर से गेहूं कटवाने के स्थान पर स्ट्रारीपर एवं हार्वेस्टर का प्रयोग करें।

खेत में कृषि अपशिष्टों को जलाने से  हानियां –  खेत में गेहूं एवं अन्य फसलों के कृषि अपशिष्टों को जलाने से भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है। भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है। सूक्ष्म जीवों के नष्ट होने के फलस्वरूप जैविकखाद का निर्माण बंद हो जाता है। भूमि की ऊपरी पर्त में ही पौधों के लिये आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध रहते है। आग लगाने के कारणपोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं। भूमि कठोर हो जाती है, जिसके कारण भूमि की जल धारण क्षमता कम होने से फसलें सूखती है। खेत की सीमा पर लगे पेड़ पौधे (फल, वृक्ष आदि) जलकर नष्ट हो जाते है। पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। यातावरण के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे धरती गर्म होती है। कार्बन से नाईट्रोजन तथा फास्फोरस का अनुपात कम हो जाता है। केंचुए नष्ट हो जाते हैं। इस कारण भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। नरवाई जलाने से जन धन की हानि होती है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *