State News (राज्य कृषि समाचार)

राजस्थान में सरसों फसल में चेंपा का प्रकोप होने पर किसान इस दवा का करें छिड़काव

Share

18 जनवरी 2024, जयपुर: राजस्थान में सरसों फसल में चेंपा का प्रकोप होने पर किसान इस दवा का करें छिड़काव – राजस्थान कृषि विभाग के आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि मौसम के उतार-चढाव के कारण सरसों की फसलों में चेंपा (मोयला) कीट लगने की संभावना जनवरी माह में बढ़ जाती है। जब औसत तापमान 10 से 20 डिग्री सैल्सियस व मौसम में आद्रता ज्यादा होती है तो चेंपा कीट फैलने की संभावना रहती है, जिससे किसानों की फसलों की पैदावार प्रभावित होती है।

उन्होंने बताया कि किसान अगर इन कीटों की रोकथाम के उपाय नहीं करते हैं तो फसलों की पैदावार में काफी कमी होने की संभावना हो जाती है, इसलिए किसान कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक की सिफारिश के अनुसार कीटनाशकों का प्रयोग कर समय रहते इन पर नियंत्रण करें।

चेंपा कीट की रोकथाम के उपाय

चेंपा कीट का प्रकोप होते ही एक सप्ताह के अंदर पौधे की मुख्य शाखा की लगभग 10 सेमी की लम्बाई में चेंपा की संख्या 20 से 25 तक दिखाई देने पर मेलाथियॉन 5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हैक्टेयर में भुरकाव करें या मैलाथियॉन 50 ई.सी. सवा लीटर अथवा डायमेथोएट 30 ई.सी. एक लीटर दवा प्रति हैक्टेयर 400 से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

कृषि आयुक्त ने बताया कि चेंपा कीट का प्रकोप जनवरी माह में अधिक होता है, जिसमें हल्के हरे – पीले रंग का कीट छोटे-छोटे समूह में रह कर पौधे के विभिन्न कोमल भागों, फूलों, कलियों व टहनियों पर रहकर रस चूसता है। रस चूस जाने के कारण पौधें की बढ़वार रूक जाती है, कलियां कम आती है और फलियों के दानों की संख्या में भी कमी आती है जिससे कम पैदावार मिलती है।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Share
Advertisements