चना, सरसों, फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन
22 जनवरी 2022, पोकरन । चना, सरसों, फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन – राजस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण के कृषि वैज्ञानिकों ने जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र मे लवा, धुडसर, रायड़, सतासर के खड़ीन क्षेत्रों में चना, सरसों, तारामीरा एवं गेहूं फसलों में खेती प्रणाली तकनीक एवं पोषक तत्व प्रबंधन का अवलोकन किया गया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ बलवीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष मावठ का अच्छा फायदा खड़िन किसानों मिला है जिससे उत्पादन बढ़ेगा। उन्होने क्षेत्र में आम तौर पर बारिश बहुत कम होती है इसलिए नमी को जमीन में संरक्षित कर उस पर खेती करने की व्यवस्था खड़ीन खेती परंपरा होने की बात कही। जिसके चलते यहां के लोग अपने गांव में एक जगह पर बरसाती पानी का संग्रहण करते और उसके बाद उस पर खेती करते है। खड़ीन खेती में जैविक फसल होती है और इसके बारे में किसानों को जानकारी होनी चाहिए। क्षेत्र भ्रमण के दोरान केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ढाका ने बताया कि इस बार सभी खड़िन फसले रोग एवं कीट पतंगो से मुक्त है तथा जैविक खाद का उपयोग करने से उत्पादन मे बढ़ोतरी होगी। उन्होने कृषकों को चना और गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए खेतों में जैविक प्रबंधन तकनीक, नमी संरक्षण में खाद की भूमिका एवं चारगाहों के विकास और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध वनस्पतियों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसान सीता राम, ओमप्रकाश, देवीलाल, उतमा राम इत्यादि उपस्थित रहे।
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