राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: विक्रम संवत् I कृषि विकास I तेल पर आयात शुल्क I विश्व महिला दिवस I ज़ायद फसल I जल जीवन मिशन

04 मार्च 2025, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें….

1. लोक मान्य विक्रम संवत् ही राष्ट्रीय पंचांग हो

आजादी के बाद से ही यह बहस का विषय रहा है कि स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय पंचांग वो क्यों नहीं है, जो देश के अधिकांश हिस्से में लोकमान्य है। अर्थात् लोकमान्यता उस विक्रम संवत् की है, जिसे महाकाल की नगरी उज्जयिनी के प्रतापी हिंदू राजा विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रांत शकों को हराने की स्मृति को शाश्वत करने के ई.पू. 57 में चलाया था। पूरी खबर पढ़े….

2. शिवराज सिंह चौहान ने वेबिनार में रखे कृषि विकास के प्रमुख मुद्दें, सरकार की नई रणनीति तैयार!

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ‘कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। इस वेबिनार में विभिन्न विशेषज्ञों और केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया, जहां बजट प्रस्तावों को प्रभावी रूप से लागू करने, कृषि विकास, दलहन उत्पादन और उन्नत बीजों से जुड़े अहम विषयों पर चर्चा हुई। पूरी खबर पढ़े….

3. खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में वृद्धि से किसे फायदा!

भारत हरित क्रांति के बाद अब खाद्यान्न के मामले में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है लेकिन खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर होने में अभी भी लम्बा रास्ता तय करना है। दशकों के प्रयासों के बाद भी भारत आज अपनी घरेलू जरूरतों का सिर्फ 43 प्रतिशत ही खाद्य तेल का उत्पादन कर पा रहा है। शेष 57 प्रतिशत के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर है। पूरी खबर पढ़े….

4. 8 मार्च विश्व महिला दिवस: विकसित भारत के संकल्प के संदर्भ में

भारत के कृषि उत्पादन में महिलाओं की अहम भूमिका है। भारतीय संविधान में लिंग पर आधारित समानता के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी है परन्तु वस्तुस्थिति में विकास और नियोजन में ये व्यवस्था अपूर्ण रही। प्रारंभ में परिणाम मूलक प्रयास ना होने से महिलाओं की स्थिति निरंतर जटिलता पूर्ण होती गई। पूरी खबर पढ़े….

5. ज़ायद फसल अपडेट: बुवाई बढ़ी, लेकिन कुछ फसलों में गिरावट

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 27 फ़रवरी 2025 तक ज़ायद फसलों की बुवाई के आंकड़े जारी किए हैं। इस सीजन में कुल बुवाई क्षेत्र 32.5 लाख हेक्टेयर रहा जो की पिछले साल के बुवाई क्षेत्र 26.5 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है। आइए, इस रिपोर्ट में फसलवार प्रदर्शन और प्रमुख रुझानों पर नज़र डालते हैं। पूरी खबर पढ़े….

6. जलवायु परिवर्तन से संकट एवं उसका निवारण

जलवायु परिवर्तन एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है जो पृथ्वी के जलवायु पैटर्न में महत्वपूर्ण और स्थायी परिवर्तन को इशांती है। यह मुख्यत ग्रीनहाउस गैसे “वह गैसे होती है जो वातावरण में ऊष्मा को फंसाकर नरती का तापमान बढ़ाने का कारण बनती हैं.।” इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं: पूरी खबर पढ़े….

7. यूपी के किसानों से कहा- इस धान की बुवाई न करें तो ही अच्छा है

यूपी के किसानों से कृषि विभाग के अफसरों ने यह कहा है कि वे साठा धान की बुवाई न करें तो ही उनके यह हित में होगा क्योंकि इस धान की बोवनी से किसानों को ज्यादा फायदा नहीं होगा लिहाजा सलाह दी गई है कि किसान अन्य फसलों की बुवाई करने पर जोर दे ताकि उन्हें फायदा ही फायदा हो सकेगा। पूरी खबर पढ़े….

8. थ्रेशर चलाने में सावधानी रखें

कृषि में मशीनों के अधिकाधिक उपयोग से मानव द्वारा किये जाने वाले श्रमसाध्य कार्यों में बहुत कमी आयी है। गहाई मशीनों (थ्रेशर) के उपयोग से समय पर गहाई पूरी करके पैदावार की क्षति को कम किया गया है। उच्च क्षमता व दक्षता वाले थ्रेशर के उपयोग से समय की बचत के साथ-साथ गहाई में लगने वाला श्रम भी कम हुआ है। पूरी खबर पढ़े….

9. स्वच्छ सुजल गांव बनाने की दिशा में चल रहा सशक्त जन आंदोलन

मध्यप्रदेश के गांवों को भी स्वच्छ सुजल गांव बनाने की दिशा में बेहतरी से कार्य किया जा रहा है। बता दें कि जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन के तहत देश भर के गांवों को स्वच्छ सुजल गांव बनाने की दिशा में एक सशक्त जन आंदोलन चल रहा है। पूरी खबर पढ़े….

10. खाद्य मंत्री ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने निर्देश दिये हैं कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 के गेहूं उपार्जन की अवधि के दौरान उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसानों के लिए सभी पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पूरी खबर पढ़े….

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