राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: रबी फसल बुवाई I पराली जलाने I प्राकृतिक खेती I जलवायु परिवर्तन I ड्रोन सेवाएं I कपास कीट

17 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1. कृषि ऋण की सीमा में बढ़ोतरी: अब किसानों को बिना गारंटी मिलेगा 2 लाख तक का ऋण

Advertisement
Advertisement

 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए कृषि ऋण की सीमा में वृद्धि की घोषणा की है। अब किसान प्रति उधारकर्ता 2 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी अतिरिक्त प्रतिभूति/ज़मानत के ले सकते हैं। यह सीमा पहले 1.6 लाख रुपये थी। इस नई व्यवस्था को 1 जनवरी, 2025 से लागू किया जाएगा। पूरी खबर पढ़े….

2. देश में 493 लाख हेक्टे. से अधिक हुई बोनी

Advertisement8
Advertisement

 देश के प्रमुख राज्यों में रबी फसलों की बुवाई ने रफ्तार पकड़ ली है। कुल बुवाई गत वर्ष से लगभग 7 लाख हेक्टेयर अधिक हो गई है। देश में अब तक 493 लाख 62 हजार हेक्टेयर में बोनी कर ली गई है, जबकि गत वर्ष इस अवधि में 486 लाख 30 हजार हेक्टेयर में बोनी हुई थी। अब तक गेहूं की बुवाई 239.49 लाख हेक्टेयर में हो गई है, जो गत वर्ष 234.15 लाख हेक्टेयर में हुई थी। पूरी खबर पढ़े….

Advertisement8
Advertisement

3. किसानों को दी सलाह, ताकि मिल सके मदद

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है ताकि मौजूदा शीतकालीन मौसम में किसानों को मदद मिल सके। गौरतलब है कि संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा साप्ताहिक रूप से  सलाह जारी की जाती है। पूरी खबर पढ़े….

4. पराली की समस्या: सरकारों और वैज्ञानिकों के लिए चुनौती

पराली जलाने की समस्या अब राष्ट्रीय आपदा बनते जा रही है। हर साल पराली जलाने से उत्पन्न प्रदूषण की समस्या से रूबरू होना पड़ता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तो वायु की गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि खुले में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। प्राय: हर साल ही उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है लेकिन जैसे ही प्रदूषण का प्रकोप कम होता है, सब ठंडे बस्ते में चला जाता है। पूरी खबर पढ़े….

5. प्रदेश में 90 फीसदी रबी बुवाई पूरी

Advertisement8
Advertisement

चालू रबी सीजन 2024-25 में अब तक 124 लाख 80 हजार हेक्टेयर में बोनी हो गई है। जो लक्ष्य के विरुद्ध लगभग १० फीसदी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में 123.56 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। राज्य की प्रमुख फसल गेहूं की बोनी अव तक 81.60 लाख हेक्टेयर में हो गई है। इस वर्ष रबी फसलों का लक्ष्य 140.08 लाख हेक्टेयर रखा गया है। पूरी खबर पढ़े….

6. IARI की साप्ताहिक कृषि सलाह: करें गेहूं में पहली सिंचाई 

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अ.प.), नई दिल्ली के कृषि भौतिकी संभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने 18 दिसंबर, 2024 तक के लिए साप्ताहिक कृषि सलाह जारी की है। इस समय शीतकालीन फसलों और सब्जियों की बुआई, सिंचाई, और रोग प्रबंधन के लिए सही दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक है। पूरी खबर पढ़े….

7. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तैयार किया ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन’

 केंद्र सरकार ने पारंपरिक कृषि विकास योजना (PKVY) के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है। वर्ष 2019-20 में 8 राज्यों में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (BPKP) की शुरुआत की गई थी, जिसे अब 25 नवंबर 2024 को ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन’ (NMNF) के रूप में उन्नत कर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करना है। पूरी खबर पढ़े….

8. भारत में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित जिलों की सूची

 कुल 310 जिलों को राष्ट्रीय जलवायु लचीलापन कृषि नवाचार (NICRA) के तहत सबसे अधिक संवेदनशील (109 जिले ‘बहुत उच्च’ और 201 जिले ‘उच्च’ संवेदनशीलता श्रेणी में) के रूप में पहचाना गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए जलवायु लचीले फसल किस्मों का विकास किया है। पूरी खबर पढ़े….

9. किसानों को ड्रोन सेवाएं उपलब्ध कराएगी 1261 करोड़ की ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना

सरकार ने डीएवाई-एनआरएलएम के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए 1261 करोड़ रुपये की केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘नमो ड्रोन दीदी’ को मंजूरी दी है। इस योजना का लक्ष्य 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 14,500 चयनित महिला एसएचजी को कृषि में तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग जैसे उद्देश्यों के लिए ड्रोन उपलब्ध कराना है जो किसानों को किराये पर ये सेवाएं प्रदान करेंगी। पूरी खबर पढ़े….

10. कपास में रस चूसने वाले कीटों के प्रबंधन के लिए सीआईसीआर का नया जीवाणु आकर्षक सूत्रीकरण

ICAR-केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान (CICR), नागपुर ने चार पेटेंट तकनीकों के व्यावसायिक उपयोग के लिए अभिव्यक्ति की रुचि शुरू की है। यह पहल संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई (ITMU) और ICAR के एग्रीनोवेट के माध्यम से की जा रही है। ICAR-CICR के वैज्ञानिकों ने कपास में चूसने वाले कीटों जैसे सफेद मक्खियों, एफिड्स और थ्रिप्स के प्रबंधन के लिए चार नए बैक्टीरिया-आधारित वाष्पशील आकर्षक फॉर्मूलेशन विकसित किए हैं। पूरी खबर पढ़े….

Advertisements
Advertisement5
Advertisement