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इफको प्रबंध निदेशक डॉ. अवस्थी के एक्स पोस्ट ने पीएयू के शोध को खारिज किया

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नैनो यूरिया के हैं शानदार परिणाम

13 जनवरी 2024, नई दिल्ली: इफको प्रबंध निदेशक डॉ. अवस्थी के एक्स पोस्ट ने पीएयू के शोध को खारिज किया – इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) के सीईओ व प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी ने अपने ट्विटर (एक्स) पोस्ट के द्वारा पंजाब कृषि विश्विद्यालयों के नैनो यूरिया के संबंध में हुई शोध को खारिज किया। उन्होंने  अपनी एक्स पोस्ट द्वारा इफको नैनो यूरिया के शानदार परिणामों को साझा किया हैं। 

डॉ. अवस्थी ने साझा की सफल कृषकों की कहानी

प्रबंध संचालक ने अपने ट्विटर अकांउट पर नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का उपयोग करने वाले कुछ किसानों की सफल कहानियों को साझा किया हैं। साथ ही डॉ. अवस्थी ने इन किसानों का नाम, पता, तथा किस फसल में नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का उपयोग किया हैं, ऐसी प्रमुख जानकारियों को भी साझा किया हैं।

डॉ. यू.एस.अवस्थी
किसानों की जुबानीनैनो यूरिया के सफल प्रयोग की कहानियां

नैनो यूरिया के प्रयोग से सफल और गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने वाले ये किसान हैं, गाँव माजरा, रेवाड़ी के प्रगतिशील किसान नरेश कुमार आपने सरसों के फसल में नैनो यूरिया+नैनो डीएपी का स्प्रे किया और अपने अनुभव को अन्य किसानों के साथ साझा किया हैं। नरेश बताते हैं कि उन्होंने फसल के एक भाग में नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का स्प्रे किया और दूसरे भाग में दानेदार यूरिया का छिड़काव किया हैं। इससे उनको बेहतरीन परिणाम मिला। नैनो यूरिया के उपयोग से उनकी फसल में फलियों की मात्रा में वृध्दि हुई और फसल में सर्दी का भी कोई प्रभाव नहीं हुआ हैं। 

ऐसे ही एक और किसान हैं बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के अरुणेश कुमार। आपने ड्रोन द्वारा इफको नैनो डी ए पी, नैनो यूरिया एवं सागरिका तरल का छिड़काव अपने खेत पर करवाया और बेहतरीन परिणाम पाया है। कृषक अरूणेश बताते हैं “ड्रोन द्वारा इफको नैनो डी ए पी व नैनो यूरिया का कम समय में बहुत बड़े खेत में मिनटों में छिड़काव हो जाता है। इससे किसानों के पैसे और समय दोनों की बचत होती है। किसानों को खेत के अंदर फर्टिलाइजर का भारी बोझ लेकर चलना नहीं पड़ता और साँप-बिच्छु का भी डर नहीं हैं। इफको नैनो यूरिया और नैनो डी ए पी के परिणाम बहुत ही बेहतरीन हैं।’

अन्य किसानों को किया प्रेरित

कृषक अरूणेश व नरेश ने अपनी नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के उपयोग की सफल कहानी को साझा कर अन्य कृषकों को इन्हें इस्तेमाल करने की सलाह दी हैं। साथ ही कहा कि ड्रोन द्वारा इफको नैनो डी ए पी, नैनो यूरिया एवं सागरिका तरल का छिड़काव बहुत बेहतरीन है।

क्या हैं पीएयू का दावा

दरअसल, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के हाल ही के एक शोध के अनुसार नैनो यूरिया के उपयोग से फसल की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव, प्रोटीन सामग्री में उल्लेखनीय गिरावट और खेती के खर्च में समग्र वृद्धि की बात कही हैं।

इस शोध के बाद किसानों, डीलरों, व्यपारियों व कृषि क्षेत्र से जुड़े लोग नैनों यूरिया की उपयोगिता व उसके परिणामों पर प्रश्न करने लगे। इनके तमाम प्रश्नों का जबाव देते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यूएस अवस्थी ने नैनो यूरिया की उपयोगिता के लाभों को प्रत्यक्ष कर अपने ट्विटर (एक्स) अकांउट पर कुछ सफल कृषकों की कहानियों को साझा किया हैं।

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