National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को नुकसान; किसान सभा द्वारा 50 हजार रुपये एकड़ मुआवजे की मांग

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लेखक: जग मोहन ठाकन

06 मार्च 2024, नई दिल्ली: हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को नुकसान; किसान सभा द्वारा 50 हजार रुपये एकड़ मुआवजे की मांग – हरियाणा में बारिश व ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान को लेकर किसान परेशान हैं। फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए पीड़ित किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है। इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने हरियाणा के किसानों के प्रति सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त की, जिनकी फसलें शनिवार को भारी ओलावृष्टि और तेज़-तेज़ हवाओं से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं। एआईकेएस ने हाल ही में ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग की। कार्यकर्ताओं ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान की जांच के लिए प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। उन्होंने राजस्व विभाग द्वारा तत्काल विशेष गिरदावरी (फील्ड सत्यापन) कराने की मांग की है ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।

एआईकेएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसानों को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि रबी की फसलें उस समय चौपट हो गईं जब वे परिपक्वता की ओर बढ़ रही थीं और अधिकांश निवेश पहले ही हो चुका था।

50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मांगा

रविवार को हरियाणा के भिवानी जिले के ओबरा में एआईकेएस की बैठक को संबोधित करते हुए इंद्रजीत सिंह ने कहा कि हरियाणा और राजस्थान के अधिकांश इलाकों में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को एक सप्ताह के भीतर कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे हरियाणा में 70 हजार से अधिक कृषि ट्यूबवेल कनेक्शन लंबित हैं और उन्होंने मांग की कि इन्हें जल्द जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और वर्तमान सरकार खेती को कॉरपोरेट के हाथों गिरवी रखने के लिए नित नये काले कानून बनाती है, जो सार्वजनिक व्यवस्था और मानवता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.

इंद्रजीत ने कहा कि खेती को बचाने के लिए काले कानूनों के खिलाफ 13 महीने तक आंदोलन चला और सरकार को काले कानून वापस लेने पड़े। इसके बाद मोदी सरकार ने किसानों से एमएसपी के लिए जरूरी कानून बनाने का वादा किया था। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई लेकिन आज तक उस कमेटी ने एमएसपी कानून बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इसीलिए आज किसानों को फिर से आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। एसकेएम नेता ने कहा कि देश की आत्मनिर्भरता और खाद्य सुरक्षा के लिए एमएसपी पर फसल खरीद की कानूनी गारंटी और किसानों की कर्ज मुक्ति जरूरी है।

इंदरजीत ने कहा कि 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों और मजदूरों की महापंचायत होगी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बांटने की साजिशों को नाकाम करना जरूरी है।

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