आलू में पॉलीसल्फेट उर्वरक का उपयोग
आलू में पॉलीसल्फेट उर्वरक का उपयोग – आलू विश्व की सबसे महत्वपूर्ण कंद फसल है यह दुनिया के कई हिस्सों में मुख्य भोजन और खाद्य आपूर्ति का एक मुख्य श्रोत है। आलू की अच्छी फसल द्वारा लगभग 100 kg/ha नाइट्रोजन, 50 kg/ha फॉस्फोरस, 300 kg/ha पोटेशियम (K2O), 110Kg/ha सल्फर (SO3), और लगभग 20 kg/ha प्रत्येक, कैल्शियम (CaO) और मैग्नीशियम (MgO) का उपयोग किया जाता है।
आलू कम दिनों की फसल है इसलिए, आलू की बेहतर पैदावार के लिए पर्याप्त पोषक प्रबंधन बहुत जरुरी है। आलू की फसल में कंदों (Tuber) की उच्च गुणवत्ता और बेहतर उपज के लिए N, P, K, S, Mg, & Ca का उपयोग बहुत आवश्यक है। भारत में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का उपयोग आलू की खेती में व्यापक रूप से किया जा रहा है परन्तु पोटैशियम, सल्फर, मैग्निशियम और कैल्शियम का प्रयोग अपेक्षाकृत बहुत कम है।
महत्वपूर्ण खबर : बीज गुण नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्रवाई के निर्देश
आलू की फसल में K, S, Mg & Ca का महत्व :
- पोटेशियम आलू के पौधे द्वारा बड़ी मात्रा में अवशोषित किया जाता है अत: आलू की सभी अवस्थाओं में पोटैशियम की पर्याप्त उपलब्धता बेहतर उपज और गुणवत्ता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पोटेशियम पोधों में बीमारियों की दर और सूखे के प्रभावों को कम करने के लिए भी बहुत उपयोगी तत्व है।
- सल्फर प्रोटीन निर्माण का एक आवश्यक घटक है, अत: आलू की सभी अवस्थाओं में सल्फर की आवश्यकता होती है। सल्फर की पर्याप्त उपलब्धता आलू में स्कैब की बीमारी को कम करने में और नाइट्रोजन की उपयोगिता को बढ़ाने में सहायक होती है।
- मैग्नीशियम सभी पौधों में प्रकाश संश्लेषण की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण तत्व है परन्तु आलू की फसल में मैग्नीशियम की भूमिका कंद भराव (Tuber bulking stage) के समय अत्यधिक होती है।
- कैल्शियम की नियमित आपूर्ति स्वस्थ और मजबूत फसल के लिए बहुत उपयोगी है आलू में अपेक्षाकृत कैल्शियम की उच्च दर कंद की बेहतर गुड़वत्ता और चमक (Skin Finish) के लिए बहुत आवश्यक है।
- इजऱाइल केमिकल्स (ICL) द्वारा प्रस्तुत पॉलीसल्फेट आलू की फसल में की आपूर्ति के लिए एक उत्कृष्ट उर्वरक है।
पॉलीसल्फेट उर्वरक की मुख्य विशेषताएं:
- पॉलीसल्फेट सल्फर आधारित एक प्राकृतिक उर्वरक है जिसमें मुख्यत: पोटेशियम (13.5% K2O), सल्फर (18.5% S), मैग्नीशियम (5.5% MgO) और कैल्शियम (16.5% CaO) उपलब्ध हैं।
- इसकी एकल क्रिस्टल संरचना मृदा में पोषक तत्वों की उपलब्धता को लम्बे समय तक बनाये रखती है।
- यह धीमे घुलने वाला, आसानी से अवशोषित, कम लवणता सूचकांक का एक उत्कृष्ट उर्वरक है ।
- इसमें क्लोराइड की मात्रा बहुत कम है अत: आलू में कंद की उच्च गुणवत्ता (High Dry Matter) के लिए पॉलीसल्फेट एक उपयुक्त उर्वरक है ।
आलू की फसल में पॉलीसल्फेट उपयोग के दिशा निर्देश:
- पॉलीसल्फेट द्वारा आलू की फसल में S, Mg & Ca के साथ पोटैशियम की आंशिक आपूर्ति की जा सकती है।
- आलू की फसल में पोटेशियम की आवश्यकता बहुत अधिक होती है अत: आलू में पोटाश की पर्याप्त आपूर्ति के लिए पॉलीसल्फेट के अलावा MOP/SOP की सही मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।
- आलू में आमतौर पर 100-125 kg/acre पॉलीसल्फेट का प्रयोग बुवाई से पहले (खेत की अंतिम जुताई के समय) FYM और अन्य उर्वरकों के साथ मिलाकर किया जा सकता है।
- पॉलीसल्फेट की विशेषता इसके तत्वों का विशेष रिलीज पैटर्न है जो तत्वों की उपलब्धता को फसल की जरुरत के अनुसार बनाये रखने में अति मह्त्वपूर्ण है। पॉलीसल्फेट में उपस्थित चारों तत्व एक विशेष पैटर्न में निरंतर रिलीज़ होते रहते हैं जो उपज में वृद्धि और बेहतर गुणवत्ता के लिए बेहद फायदेमंद है।