समस्या – समाधान
समस्या- मैं बगीचे में कटहल लगाना चाहता हूं कौन सी किस्म कैसे लगायें, विस्तार से बतायें।
– घनश्यामदास, वारासिवनी
समाधान- कटहल को आप लगा सकते हैं। यह एक लम्बी अवधि का पौधा होता है इस कारण उसको लगाने के लिए भूमि का चयन भी सोच – समझकर करना चाहिए। आप निम्न बिन्दुओं पर ध्यान दें-
1 यह सभी प्रकार की जलवायु में हो जाता है।
2. गहरी काली मिट्टी अधिक उपयोगी होती है फिर भी अन्य भूमि में भी इसे लगाया जा सकता है।
3. जातियों में रुद्राक्षी, सिंगापुर, उत्तम, खाजा इत्यादि उपयुक्त हैं।
4. माह मई में गड्ढे खुदवा कर तैयार रखें 10&10 की दूरी पर 1&1&1 मीटर के लम्बे-चौड़े तथा गहरे गड्ढे उपयुक्त होंगे।
5. प्रत्येक गड्ढे में गोबर की खाद के साथ 500 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, 500 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश भी डालें।
6. इसके अलावा 3 किलो नीम की खली भी प्रति गड्ढों में भरें।
7. इसके अतिरिक्त वार्षिक रखरखाव स्वरूप भी उर्वरक देना होगा।
8. बीज द्वारा तैयार पौध 10-12 वर्ष में फलते हैं तथा 100-250 फल प्रति पौधा मिलते हैं।
समस्या- मैं कुल्थी लगाना चाहता हूं। कृपया तकनीकी बतायें।
– सुधीर पारे, बड़वानी
समाधान- कुल्थी झाबुआ जिले की प्रमुख खरीफ फसल है। मक्का के बाद इसका क्षेत्र अलग है। आमतौर पर इसकी काश्त पशुओं के चारे के हिसाब से की जाती है। कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ में इसकी जातियों पर काम हो रहा है। आप निम्न उपाय करें।
1. 50 किलो यूरिया, 100 किलो सिंगल सुपर फास्फेट/हे. की दर से डालें।
2. बुआई का समय जुलाई-अगस्त है।
3. 20-25 किलो बीज/ हे. की दर से पर्याप्त होगा।
4. कतार से कतार 30 से.मी. तथा पौध से पौध 10 से.मी. दूरी रखें।
5. मक्का के साथ 1:1 अनुपात में अंतरवर्तीय फसल लगा सकते हैं।
6 यह एक दलहनी फसल है जो भूमि में नत्रजन जमा करती है।
समस्या-मैं गुलाब की खेती करता हूं, फूलों को अधिक समय तक अच्छा रखने के उपाय बतायें।
– नन्दकिशोर माली, बैतूल
समाधान- आपका प्रश्न अच्छा है। गुलाब बड़ी मेहनत से पनपता है। फूल बड़ी मुश्किल से आते हैं, आकार लेते हैं। फूल का टिकाऊपन आर्थिक मदद प्रदान कर सकता है। आप निम्न उपाय करें।
1. फूलों को तेज धार वाले चाकू से काटें, तोड़े नहीं।
2. कलम थोड़ी तिरछी करें ताकि पानी जल्दी समाप्त न हो पाये।
3. काटकर तुरन्त पानी में डालें।
4. पानी में नमक, अमोनिया, चारकोल, कपूर कोई एक डालें।
5. अधिक ठण्डा पानी नहीं डालें। सर्दी में थोड़ा कुनकुना पानी उपयोग करें।
6. पानी रोज बदलें।
7. फूलों को धूप से बचायें।
8. कृषक जगत द्वारा गुलाब पर सम्पूर्ण सामग्री पर एक पुस्तक प्रकाशित की गई है। आप गुलाब की खेती करते हैं। पुस्तक बुलवा लें अधिक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे।
समस्या- मैं अनार की खेती करना चाहता हूं, कृपया विस्तार से तकनीकी बतायें।
– रामसिंह पटेल, धार
समाधान- अनार एक प्राचीन फल है इसका रस लाभकारी होता है तथा स्वास्थवर्धक होता है। आप भी अनार लगायें। शासन द्वारा भी अनार लगाने के लिये अनुदान की पात्रता है। आप अपने जिले के उपसंचालक उद्यानिकी से सम्पर्क करें। तकनीकी इस प्रकार है-
1. यह विभिन्न प्रकार की जलवायु तथा भूमि में लगाया जा सकता है। गहरी काली मिट्टी अधिक उपयुक्त है।
2. 10 डिग्री से कम तापमान वाले क्षेत्रों में यह फल नहीं हो पाता है।
3. जातियों में घोलक, अलोडी, अजेनिश रूबी, पेपर शेल इत्यादि उत्तम है।
4. ग्रीष्मकाल में 60&60 लम्बे – चौड़े तथा गहरे गड्ढे बना लें। मिट्टी खाद बराबर की मात्रा में मिलाकर गड्ढे में भर दें।
5. पौध लगाते समय 25 किलो गोबर खाद, 200 ग्राम अमोनियम सल्फेट, 180 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 50 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश डालें।
6. फलदार पौधों को 45 किलो गोबर खाद, 500 ग्राम अमोनियम सल्फेट, 400 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट तथा 150 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश वार्षिक रखरखाव के बतौर डालें।
7. बोर्डो पेस्ट के घोल से पौधों के तनों पर लेप करते रहें।
8. पौध लगाने के तीन वर्ष बाद फल आने शुरू होते हैं।
9. 100 से 175 फल प्रति पौध मिल जाते हैं।
समस्या- मैं लहसुन लगाना चाहता हूं, विस्तार से बतायें।
– भेरूलाल पवार, उज्जैन
समाधान- आपके क्षेत्र में लहसुन होता है। आपने काफी लम्बा- चौड़ा पत्र इसकी उत्पादन तकनीकी बीज प्राप्ति का स्थान इत्यादि पर प्रश्न किया है तो लीजिये पढ़ें और करें।
1. इसके लिये अच्छे जल निथार वाली भूमि उपयुक्त है।
2. जातियों में एग्रीफाउंड (जी 11), यमुना सफेद (जी-1), यमुना सफेद (जी-50), यमुना सफेद 3 (जी-282) इसके अलावा गोदावरी, स्वेता, पूसा सलेक्शन-10, एचजी-1, एचजी-2, नीमच, जामनगर, जबलपुर लोकल आदि प्रमुख हैं।
3. गोबर खाद 150-200 क्विंटल, 260 किलो यूरिया, 375 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 100 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टर लगेगा।
4. बुआई अक्टूबर-नवम्बर में कतार से कतार 10-15 से.मी. पौध से पौध 10 से.मी. की दूरी पर रखें। द्य एक हेक्टर में 7-10 क्विंटल फलियां लगेंगी।
5. अच्छा बीज प्राप्ति के लिए सम्पर्क-
अधिष्ठाता कैलाशनाथ काटजू
उद्यानिकी महाविद्यालय, मंदसौर (म.प्र.)
फोन : 07422-242289,
मो. : 9425361320
अनार में निमाटोड बीमारी का सही इलाज है – नीम की खली, इससे जड़ो में गांठो का बनना रुक जाता है यानि निमाटोड नlमक कीट को ख़त्म करता है निमाटोड लगने से जड़ो में गांठ बन जाती है जिससे पौधे का विकास रुक जाता है, नीम खली के उपयोग से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, नीम खली का तेल युक्त होना जरूरी है, इसके उपयोग से ओर भी कई फायदे है जैसे – फूलो का ज्यादा बनना और कम झड़ना, फलो का ज्यादा बनना और भारी होना, फलो का ज्यादा स्वादिस्ट होना तथा चमकदार सुन्दर होना भी नीम खाद के उपयोग का नतीजा है, पेड़ की उम्र के हिसाब से नीम खली की मात्रा संतुलित करे ,
अगर आपका पौधा एक से दो साल का है तो आधा किलो नीम खली डाले और तीन से पांच साल का है तो दो किलो नीम खली डाले तथा नीम तेल ड्रिप के साथ चलावे !
ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करे- ग्यारसीलाल बगड़िया , चूरू, राजस्थान फ़ोन नंबर – 9414437389