किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

सोयाबीन के लिए कोदलाखेड़ी के किसान की कोशिशें जारी

  • (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर)

25 जुलाई 2022, सोयाबीन के लिए कोदलाखेड़ी के किसान की कोशिशें जारी – यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन लगाकर कार्य किया जाए तो सफलता निश्चित मिलती है। सोयाबीन के लिए करीब तीन दशकों से ऐसी ही कोशिश खरगोन जिले के ग्राम कोदलाखेड़ी (करही) के उन्नत कृषक श्री पृथ्वीसिंह सोलंकी द्वारा की जा रही है। वे स्वयं तो श्रेष्ठ तकनीकों का इस्तेमाल करते ही हैं, क्षेत्र के किसानों को व्यक्तिगत और सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूक करते हैं। इन्हीं कृषि कार्यों, उत्कृष्ट उत्पादन और जागरूकता को देखते हुए इंदौर में आयोजित सोया महाकुम्भ में उत्कृष्ट कृषक सम्मान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा द्वारा सम्मानित किया गया था।

श्री सोलंकी ने कृषक जगत को बताया कि अपनी 20 एकड़ जमीन में सोयाबीन,कपास,गेहूं और चना की पारम्परिक खेती करते हैं, लेकिन मुख्य रुझान सोयाबीन की खेती की तरफ है। 1993 से सोयाबीन फसल में उन्नत किस्मों, तकनीकों और अन्य प्रयोगों को अपनाकर उल्लेखनीय उत्पादन हासिल कर रहे हैं। सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए 20 एकड़ जमीन लीज पर भी ली है। गत वर्ष 30 एकड़ में सोयाबीन किस्म जेएस 2069 लगाई थी,जिसका 12 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन मिला था, जबकि किस्म आरवीएसएन का 11 क्विंटल/ एकड़ उत्पादन लिया था। कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों के निरंतर सम्पर्क में रहने और परामर्श का श्री सोलंकी को यह लाभ मिला कि अब यह खुद ही सोयाबीन का प्रमाणित बीज तैयार करने लगे हैं।

इन्होंने सोयाबीन अनुसंधान केंद्र से गंध रहित और प्रतिपोषक तत्वों से मुक्त किस्मों एनआरसी -142 और 138 का एक-एक किलो बीज लाकर उसकी हाथ से चौपाई की, नतीजा 1 क्विंटल 15 किलो उत्पादन के रूप में मिला। सोयाबीन के लिए कोदलाखेड़ी के इस किसान की कोशिशें जारी हैं। क्षेत्र के किसानों को खासतौर से सोयाबीन के प्रति जागरूक करने और स्वयं द्वारा भी उत्पादन में श्रेष्ठ आधुनिक पद्धतियों का इस्तेमाल करने का मूल्यांकन हुआ। संपर्क : 9926527064 ।

सोयाबीन के बेहतर उत्पादन के लिए जरुरी उपाय

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