सोयाबीन फसल में नहीं जा रहा पीला मोजेक रोग? कैसे करें नियंत्रण
03 अगस्त 2023, भोपाल: सोयाबीन फसल में नहीं जा रहा पीला मोजेक रोग? कैसे करें नियंत्रण – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान- इंदौर द्वारा 31 जुलाई से 6 अगस्त 2023 की अवधि के लिए सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी गई है।
संस्थान ने बताया हैं कि सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में अभी भी उन्हीं कीट एवं रोगों का प्रकोप बना हुआ है, जो पिछले सप्ताह देखे गए थे। अतः सोयबीन कृषकों को सलाह है कि वे वायरस जनित पीला मोजेक के लक्षणों को पहचान कर तुरंत रोग नियंत्रण के उपाय अपनाएं एवं इसके प्रकोप से फसल को बचायें।
पीला मोजेक रोग के लिए जैविक नियंत्रण के उपाय
वायरस जनित पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोजेक रोगों से सुरक्षा हेतु इन रोगों को फैलाने वाले रस चूसक कीट सफ़ेद मक्खी/जासिड के नियंत्रण के लिए अपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
अगर जैविक तरीके से पीला मोजेक पर नियंत्रण नहीं होता हैं तो रासायनिक तरीके से आपको नियंत्रण करने की जरूरत होगी।
पीला मोजेक रोग के लिए कीटनाशक द्वारा नियंत्रण
पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह है कि तत्काल रोगग्रस्त पौधों को खेत से उखाड़कर निष्कासित करें तथा इन रोगों को फ़ैलाने वाले वाहक सफ़ेद मक्ख/एफिड की रोकथाम हेतु एसिटेमीप्रीड 25%+बायफेंथ्रिन 25%WG (250ग्रा./हे) का छिडकाव करें। इसके स्थान पर पूर्वमिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125मिली/हे) या बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हे) का भी छिडकाव किया जा सकता हैं। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण किया जा सकता ह। यह भी सलाह है कि सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेत कृषकगणअपने खेत में विभिन्न स्थानों पर पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।
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