मूंग के प्रमुख कीट एवं रोकथाम
29 मार्च 2024, भोपाल: मूंग के प्रमुख कीट एवं रोकथाम – माहू – एनएसकेई 5 प्रतिशत (50 ग्राम/लीटर) या डाइमेथोएट 30 ईसी (2.0 मि.ली./लीटर) या इमिडाक्लोप्रीड 17.8 एस.एल. (0.35 मिली प्रति लीटर) का फसल पर छिड़काव करें।
बिहार रोयेंदार सूँड़ी
यह कीट प्राय: झुंड में पौधों पर मिलता है। ऐसे पौधों को उखाड़कर झिल्ली (पोलीथीन) में बन्द करके नष्ट कर दें।
क्वीनालफॉस 25 ईसी (1.25 ग्राम प्रति लीटर पानी) से छिडकाव कर दें।
हरा फुदका या जैसिड
बुवाई की तिथि में परिवर्तन करके इस कीट के प्रकोप को कम किया जा सकता है।
कीटनाशी जैसे डाइमेथोएट 30 ईसी का (2 मि.ली./लीटर पानी) का छिड़काव लाभदायक पाया गया है।
ब्लिस्टर बीटल
ऐसफेट 75 एस.पी. 1.0 ग्राम/लीटर या मेथोमाइल 40 एसपी 1-1.5 ग्राम/लीटर या क्यूनॉलफॉस 25 ईसी 2.0 मि.ली./लीटर की दर से फसल पर छिड़काव करें।
चित्तीदार सूँडी (मरूका विट्राटा)
गर्मी में खेत की गहरी जुताई करें तथा कीड़े की सुषुप्ता अवस्था (प्यूपा) को नष्ट कर दें। खेत में प्रकाश प्रपंच/12ञ्च लगायें जिससे प्रौढ़ नाशीजीव आकर्षित हो तथा उनको नष्ट करें।
नवजात सूडियाँ सामूहिक अवस्था में पायी जाती है। अत: इन्हें नष्ट कर जला दें।
यदि इनका प्रकोप अधिक हो तो नीम आधारित एमामेक्टीन बेन्जोएट 5 एसजी /0.5 ग्रा./ली. अथवा इण्डोक्सोकार्व 14.5 एससी/ 0.8 मिली प्रति लीटर अथवा स्पीनोसैड 45 एस.सी. / 0.3 मिली/ली. पानी की दर से फसल पर छिड़काव करें।
फली बग
पौधों को झटककर झाडऩे से इस कीट का यांत्रिक प्रबंधन सम्भव है।
इमिडाक्लाप्रिड 17.8 एसएल/ 0.35 मिली/लीटर अथवा डाइमेथोएट 30 ईसी (2 मिली/लीटर पानी) का प्रयोग करें।
तना मक्खी
खेतों की साफ सफाई, निराई-गुडाई से इस कीट के नुकसान को कम करें।
अंकुरण की अवस्था में मक्खी बहुत अधिक प्रकोप करती है। बीज को ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल (ञ्च5.0 मिली/किलो बीज) या थायोमेथोक्सम 25 डब्ल्यूजी (ञ्च5.0 ग्राम प्रति किलो बीज) को 100 मिली पानी मे भिगोने से तना मक्खी द्वारा फसल की प्रारंभिक अवस्था में नुकसान रोका जा सकता है।
फसल की बुवाई के 15 दिनों में इमिडाक्लोप्रिड 17ण्8 एसएल (0.35 मिली प्रति लीटर पानी) की दर से अथवा थायोमेथोक्सम 25 डब्ल्यूजी ञ्च0.35 ग्रा. प्रति लीटर का छिड़काव करें।
पर्ण जीवक (थ्रिप्स)
फसल में समय पर सिंचाई (15 दिन के अंतराल पर) इस कीट की संख्या की बढवार को रोकती है। थायोमेथोक्सम 70 डब्ल्यूएस (ञ्च5.0 ग्राम/ किलो बीज) से बीजोपचार करें।
इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल. (0.35 मिली प्रति लीटर पानी) की दर से अथवा थायोमेथोक्सम 25 डब्ल्यूजी ञ्च035 ग्रा. प्रति लीटर पानी अथवा स्पीनोसैड 45 एससी 0.35 मिली प्रति लीटर पानी छिड़कें।
सफेद मक्खी
खेत एवं आस पास की मेडोंए पानी की नालियों इत्यादि में खरपतवारों का उचित प्रबंधन करें क्योंकि खरपतवार इस कीट के विकल्पी पोषक होते हैं।
थायोमेथोक्सम 70 डब्ल्यूएस (ञ्च5.0 ग्राम प्रति किलो बीज) से बीजोपचार करें।
डाइमोथोएट 30 ईसी. 1-7 मिली/ लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़कने से कीट के प्रकोप को कम किया जा सकता है।
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