मानव पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक खेती
2 अगस्त 2022, बड़वानी । मानव पर्यावरण के अनुकूल प्राकृतिक खेती – प्राकृतिक खेती जीरो बजट खेती से मनुष्य, पशु -पक्षी ही नहीं पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इस खेती की तकनीकी समझकर अपनाया जाए तो खेती की लागत कम की जा सकती है और उत्पादन भी प्रभावित नहीं होता है ।
उप संचालक कृषि सह परियोजना संचालक आत्मा श्री आर.एल.जामरे के मार्गदर्शन में जिले के सभी विकासखंडों में प्राकृतिक खेती अपनाने हेतु 8-10 ग्रामों के कृषकों का समूह बनाकर किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी कड़ी में सेंधवा विकासखंड के ग्राम सुरानी में ग्राम केलपानी, रामगढ़ी, शिवन्या, चाचरिया, खुर्माबाद, कढ़ाई पानी के 50 किसानों का समूह बनाकर प्राकृतिक खेती के तरीके जीवामृत, घन जीवामृत, वीजामृत, निमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्निस्त्र एवं दशपर्णी अर्क का निर्माण करने एवं फसलों पर उपयोग करने की विधि बताई। जिले में अधिक से अधिक किसानों को कम से कम अपनी आधी भूमि में प्राकृतिक खेती अपनाने को तैयार किया जा रहा है। सेंधवा ब्लाक में आयोजित प्रशिक्षण में आत्मा के तकनीकी प्रबंधक, मास्टर ट्रेनर श्री मुकेश गोस्वामी, सहायक तकनीकी प्रबंधक आत्मा श्री जयपाल यादव, ग्राम रामगढ़ी के सरपंच श्री नानसिंह आर्य, श्री किशन सैनानी भी उपस्थित थे।
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