गांव के कृषि बाजार, स्कूल और अस्पताल
80 हजार करोड़ की सडक़ों से जुड़ेंगे
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण तथा पंचायती राज मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गत दिनों नई दिल्ली में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना (पीएमजीएसवाई) पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्धाटन किया।
पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण का उद्देश्य 2019-20 से 2024-25 की अवधि के लिए कुल 1,25 हजार किलोमीटर की सडक़ों का निर्माण कर इनके जरिए ग्रामीण बसाहट को कृषि बाजारों, उच्चतर माध्यमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोडऩा है। इन सडक़ों के निमार्ण पर कुल 80250 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत आएगी। इसमें केन्द्र का हिस्सा 53,800 करोड़ रुपये होगा। परियोजना के लिए वित्त पोषण में केन्द्र की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत और राज्यों की 40 प्रतिशत होगी। पूर्वोत्तर और हिमालय क्षेत्र के राज्यों के लिए यह अनुपात 60:10 का होगा।
राष्ट्रीय कार्यशाला में विभिन्न राज्यों और तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यशाला में ग्रामीण सडक़ों के रखरखाव, सडक़ों की गुणवत्ता बनाए रखने, अनुबंध प्रबंधन, ग्रामीण सडक़ों का इस्तेमाल यातायात बढ़ाने में करने,सडक़ सुरक्षा, पर्वतीय क्षेत्रों में सडक़ निर्माण में आने वाली चुनौतियों तथा ग्रामीण सडक़ों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।