सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह
08 जुलाई 2023, इंदौर: सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह – भाकृअप – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान , इंदौर द्वारा इस सप्ताह सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी गई है ,जो निम्नानुसार है।
सोयाबीन की खेती में किये जाने वाले कुछेक क्षेत्रों में पिछले सप्ताह मानसूनी वर्षा के आगमन के साथ ही सोयाबीन की बोवनी सम्पन्न होने के समाचार हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों के किसान आनेवाले दिनों में सोयाबीन की बोवनी करने की प्रतीक्षा में हैं. साधारणतया, सोयाबीन की बोवनी हेतु जुलाई माहके प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त होता है . अतः ऐसे किसान जिन्होंने सोयाबीन की बोवनी अभी तक नहीं की है , निवेदन है कि निम्न सस्य कियाओं का पालन कर सोयाबीन की बोवनी संपन्न करें। इसके लिए कृषकों को निम्न कृषि कार्य अपनाने की सलाह है –
1 -आपके क्षेत्र में पर्याप्त मानसूनी वर्षा (100 मि मी .) होने की स्थिति में सोयाबीन की बोवनी करें।
2 – सलाह है कि एक ही किस्म की बोवनी करने के स्थान पर अपने खेत में विभिन्न समयावधि में पकने वाली 2-3 अनुशंसित किस्मों की खेती को प्राथमिकता दें।
3- विपरीत मौसम (सूखे की स्थिति , अतिवृष्टि आदि ) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ. पद्धति या रिज एवं फरो पद्धति से करें।
4 – सोयाबीन की बोवनी हेतु अनुशंसित 45 से.मी. कतारों की दूरी का अनुपालन करें। साथ ही बीज को 2-3 से. मी. की गहराई पर बोवनी करते हुए पौधे से पौधे की दूरी 10 से.मी. रखें। बीज का आकार तथा 70% अंकुरण क्षमता के आधार पर सोयाबीन का बीज दर 60-70 किग्रा /हे की दर से उपयोग करें।
5- कृषकों को सलाह है कि बीज गुणवत्ता ( न्यूनतम 70% अंकुरण) के आधार पर बीज दर का प्रयोग करें। अंकुरण परीक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का अंकुरण न्यूनतम 70% सुनिश्चित करें. 70% से कम अंकुरण क्षमता वाले बीज का उपयोग किये जाने पर बीज दर बढ़ाकर बोवनी जाने की अनुशंसा है। जैसे 65 % अंकुरण क्षमता वाले बीज के लिए .मक 70-75 किग्रा /हे जबकि 60 %अंकुरण क्षमता वाले बीज के लिए 75-80 किग्रा /हे बीज दर का प्रयोग करें।
6 – बीजोपचार एवं जैविक टीकाकरण : कृषकों को सलाह है कि सोयाबीन फसल के प्रमखु रोगों के साथ-साथ तना मक्खी जैसे कीटों से फसल की सुरक्षा हेतु बोवनी के समय निम्नानुसार FIR क्रम का अनुपालन करते हुए बीजोपचार करें।
- बीजोपचार के लिए बाजार में उपलब्ध पूर्व मिश्रित फफूंदनाशक -कीटनाशक दवाई एजोक्सी स्ट्रोबिन 2.5% +थायो फिनेट मिथाईल 11.25% थायोमिथाक्सम 25%एफ.एस. (10 मि ली/ किग्रा .बीज) सबसे सुविधाजनक है क्योंकि इसमें फफूंदनाशक एवं कीटनाशक का संयोजन पहले से ही किया गया है।
- बीजोपचार हेतु अन्य फफूंदनाशक जैसे पेनफ्लूफेल + ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबिन 38 एफ.एस (1 मि .ली/.किग्रा .बीज) अथवा कार्बोक्सिन37.5%+ थाइरम 37.5% (3 ग्राम / किग्रा .बीज) उपयोग किए जाने की स्थिति में सलाह है कि इनसे उपचारित करने के पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफ.एस. (10 मि .ली मम.ली/. किग्रा .बीज) अथवा इमिडाक्लोप्रिड (1.25 मि .ली/. किग्रा .बीज) से भी उपचारित करें।
- फफूंदनाशक एवं कीटनाशकों से बीजोपचार बोवनी से पहले भी किया जा सकता है, जबकि ब्रेडीरायजोबियम /PSB/ माइकोराइजा जैसे जीवाणु खाद से टीकाकरण केवल बोवनी के समय करें ।
- फफूंदनाशक एवं कीटनाशक से उपचारित बीज को बोवनी के समय सोयाबीन बीज को जैविक कल्चर ब्रेडीरायजोबियम + पी.एस.एम. ( प्रत्येक की 5 ग्राम/ किग्रा .बीज) से टीकाकरण करने की सलाह है।
- कृषकगण रासायनिक फफूंदनाशक के स्थान पर जैविक फफूंदनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी ( 10 ग्राम/ किग्रा बीज) का भी उपयोग कर सकते हैं। जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है।
7 सोयाबीन फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों ( 25:60:40:20 किग्रा /हे नाइट्रोजन ,फॉस फोरस , पोटाश व सल्फर ) की पूर्ति केवल बोवनी के समय करें। इसके लिए इनमें से कोई एक उर्वरकों के स्रोत का चयन प्रति एक हेक्टेयर के लिए किया जा सकता है।
1. यूरिया 56 किग्रा . + 375-400 किग्रा . सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा
2. डी.ए.पी 125 किग्रा .+ 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश +25 किग्रा / हे बेन्टोनेट सल्फर अथवा
3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 @ 200 किग्रा + 25 किग्रा / हे बेन्टोनेट सल्फर ।
8 – खरपतवार नियंत्रण हेतु कृषकों को सलाह है कि अपनी सुविधा के अनुसार अनुशंसित बोवनी, बोवनी पूर्व /बोवनी के तुरंत बाद /खड़ी फसल में उपयोगी अनुशंसित खरपतवार नाशकों में से किसी एक का प्रयोग निम्न सावधानियों के साथ कर सकते हैं ( तालिका 1 )
- बोवनी से पूर्व उपयोगी खरपतवारनाशकों के छिड़काव पश्चात भूमि में मिलाना आवश्यक है। इसके लिए कल्टीवेटर का प्रयोग कर सकते हैं।
- बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग बोवनी के तुरंत बाद या बीजांकुर भूमि से बाहर आने से पूर्व ही करें, अन्यथा बीजांकुर के मरने का खतरा होता है।
- खरपतवारनाशकों के छिड़काव हेतु पॉवर स्प्रेयर का उपयोग करते हुए 125 लीटर /हे या नेपसेक स्प्रेयर से 450 लीटर/हे का प्रयोग सुनिश्चित करें। खरपतवारनाशकों के छिड़काव के लिए फ्लड जेट/फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें।
तालिका -1
खरपतवार नाशक की सूची (मात्रा / हेक्ट ) में।
बोवनी के पूर्व उपयोगी – पेण्डीमिथालीन+इमेझेथापायर (2.5-3 ली.)
बोवनी के तुरन्त बाद उपयोगी – डायक्लोसुलम 84 डब्ल्यू.डी. जी.(26 -30 ग्राम ), सल्फेन्ट्राझोन 39.6 एस.सी.(0.75 ली.),क्लोमोझोन 50 ई.सी. (1.5 – 2.00 ली.) , पेण्डीमिथालीन 30 ई.सी.(2.5-3.30 ली.),पेण्डीमिथालीन 38.7 सी.एस.( 1.5-1.75 कि .ग्रा ),फ्लूमिआक्साझिन 50 एस.सी.(0.25 ली.),मेट्रीब्युझिन 70 डब्ल्यू.पी.(0.5-0.75 कि .ग्रा.),सल्फेन्ट्राझोन+क्लोमोझोन (1.25 ली ),पायरोक्सासल्फोन 85 डब्ल्यू.जी.(150 ग्रा.), मेटालोक्लोर 50 ई.सी.(2.0 ली.)
बोवनी के 10-12 दिन बाद उपयोगी – क्लोरीम्यूरान इथाईल 25 डब्ल्यू.पी + सर्फेक्टेन्ट (36 ग्राम ), बेन्टाझोन 48 एस. एल.(2.0 ली.)
बोवनी के 15-20 दिन बाद उपयोगी – इमेझेथापायर 10 एस.एल.(1.00 ली.),इमेझेथापायर 70% डब्ल्यू. जी + सर्फेक्टेन्ट (100ग्रा.)क्विजालोफाप इथाईल 5 ई.सी.(0.75-1.00 ली.), क्विजालोफाप-पी-इथाईल 10 ई.सी.(375-450 मि.ली.),फेनाक्सीफाप-पी-इथाईल 9 ई.सी.(1.11 ली.), क्विजालोफाप-पी-टेफ्युरिल 4.41 ई.सी.(0.75- 1.00 ली.) ,फ्ल्यूआजीफॉप-पी-ब्युटाईल 13.4 ई.सी.(1-2 ली.), हेलाक्सिफॉप आर मिथाईल 10.5 ई.सी.( 1-1.25 ली.), प्रोपाक्विजाफॉप 10 ई.सी.(0.5-0.75 ली.), फ्लमूथियासेट मिथाईल 10.3 ई.सी. (125 मि.ली.),क्लेथोडियम 25 ई.सी.(0.5 -0.70 ली. ) ।
स . पूर्व मिश्रित खरपतवारनाशक – फ्ल्यूआजीफॉप-पी- ब्यूटाइल + फोमेसाफेन (1.0 ली.), इमेझेथापायर+ इमेजामॉक्स (100 ग्रा.), प्रोपाक्विजाफॉप+ इमेझेथापायर (2.0 ली.), सोडियम एसीफ्लोरफेन+ क्लोडिनाफाप प्रोपारगील ( 1 ली ), फोमेसाफेन + क्विजालोफाप इथाईल ( 1.5 ली.), क्विजालोफाप इथाईल + क्लोरी मयूरान इथाईल + सरफेक्टेंट ( 375 मिली+36 ग्रा.)
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