राज्य कृषि समाचार (State News)

म.प्र. में बेमौसम बरसात, किसानों के लिए दुखदायी

25 फीसदी तक फसल नुकसान की संभावना

11 अक्टूबर 2022, भोपालम.प्र. में बेमौसम बरसात, किसानों के लिए दुखदायी – म.प्र. में मौसम ने एक बार फिर यू टर्न लिया है। खरीफ मौसम समाप्ति पर है कुछ स्थानों पर फसल कट कर खेतों में पड़ी है तथा कुछ क्षेत्रों में फसल कटाई की तैयारी हो गई है। ऐसे में बेमौसम बारिश से खेत-खलिहान लबालब हो गए हैं। जिससे प्रारंभिक नजरिए के मुताबिक लगभग 15-25 फीसदी तक फसल नुकसान की संभावना है। प्रदेश की प्रमुख फसलें धान एवं सोयाबीन के प्रति किसान चिंतित हैं। सरकार ने नुकसान के सर्वे का निर्देश दिया है। इस वर्ष मानसूनी सीजन में पूर्वी म.प्र. में सामान्य से लगभग 10 फीसदी तथा पश्चिमी म.प्र. में लगभग 36 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। अब अक्टूबर माह में भी वर्षा का दौर जारी है जो खरीफ फसलों तथा किसानों के लिए दुखदायी हो गया है।

राज्य में अधिक वर्षा

जानकारी के मुताबिक दशहरे से शुरु हुई बेमौसम बरसात राज्य के 26 से 30 जिलों में हुई है। इसमें अधिक वर्षा वाले जिलों में धान और सोयाबीन को नुकसान हुआ है। अक्टूबर माह में ही राज्य में अब तक 215 फीसदी अधिक बारिश हो गई है। अब तक की सामान्य वर्षा 19.8 मि.मी. की तुलना में 62.3 मि.मी. वर्षा हो चुकी है। जो किसान को न फसल काटने दे रही है और न ही सहेजने। प्रदेश में धान की बोनी 6 लाख हेक्टेयर एवं सोयाबीन की बोनी लगभग 4 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्र में हुई है। ऐसे में उत्पादन में कमी तो आना ही थी, परन्तु अब इस आफत की बारिश के कारण और कमी आने की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि सोयाबीन, धान के साथ-साथ उड़द, तिल एवं सब्जी फसलें भी प्रभावित हुई हैं। कुल मिलाकर 40 फीसदी तक नुकसान हो सकता है।

फसलों को नुकसान

प्रदेश के दतिया, रीवा, सागर, भोपाल, जबलपुर, सीधी, उमरिया, खण्डवा, खरगोन, ग्वालियर, नर्मदापुरम आदि जिलों में अधिक वर्षा हुई है। शहडोल जिले में बेमौसम बरसात के चलते किसानों की फसल चौपट हो गई। मौसम के इस बदलते मिजाज को देखकर धान और उड़द के किसानों की नींद उड़ गई है। इन दोनों फसलों में काफी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
श्योपुर जिले में धान, उड़द, सोयाबीन समेत अन्य फसलें बर्बाद हो गई है। राज्य में सोयाबीन की बोनी आगे पीछे हुई थी ,वैसे ही कटाई का काम भी आगे पीछे हो रहा है, परन्तु इस मूसलाधार बारिश ने कई खेतो में पानी भर दिया जहां सोयाबीन कटी पड़ी थी, कुछ किसानों ंकी सोयाबीन कट गई, कही हार्वेस्टर चला, कही नमी के चलते हार्वेस्टर नही चला। हार्वेस्टर और थ्रेसर को भी खेतो में जाने में अब समय लगेगा।

कृषि वैज्ञानिक की सलाह

वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय बुन्देला ने कृषकों को सलाह दी है कि बारिश के कारण प्रभावित हुई सोयाबीन की खड़ी फसल जब तक पूरी तरह सूख न जाए तब तक कटाई न करें। फसल सूखने के बाद कटाई एवं थ्रेशिंग करें एवं बीज को धूप में इतना सुखाएं कि दांत से तोडऩे पर कट्ट की आवाज आने लगे। उन्होंने कहा कि किसान सूखे बीज को जूट के बैग में रखें, ढेर न लगाएं।

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बेमौसम बरसात से कई जगह हमारे किसान भाई-बहनों की फसलों को क्षति पहुँची है। लेकिन वे चिंता नहीं करें। प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल फसलों के नुकसान का सर्वे आरंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे कर, क्षति के आकलन के आधार पर किसानों राहत राशि दी जाएगी। फसल बीमा योजना का लाभ मिले, इसके निर्देश भी दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा क्षति की भरपाई की जाएगी। प्रभावित किसानों को संकट से उबारने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

श्री शिवराज सिंह चौहान
 मुख्यमंत्री (म.प्र.)

 
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