राज्य कृषि समाचार (State News)

संयुक्त किसान मोर्चे ने प्रतिरोध दिवस मनाया, ज्ञापन सौंपा  

05 अक्टूबर 2023, इंदौर: संयुक्त किसान मोर्चे ने प्रतिरोध दिवस मनाया, ज्ञापन सौंपा  – संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा 2  से 4  अक्टूबर तक देशव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था। जिसके तहत इंदौर में भी गत दिनों प्रतिरोध दिवस मनाया गया। इंदौर के किसान संगठनों और मजदूर संगठनों की संयुक्त अभियान समिति ने संयुक्त रूप से  संभागायुक्त  कार्यालय पर प्रदर्शन कर संयुक्त आयुक्त श्री सराफ को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व श्री श्याम सुंदर यादव, श्री रुद्रपाल यादव, श्री अरुण चौहान, श्री रामस्वरूप मंत्री, श्री कैलाश लिंबोदिया, श्री बबलू जाधव और  श्री अरविंद पोरवाल आदि ने किया ।  

विभिन्न वक्ताओं ने  केंद्र तथा प्रदेश सरकार की किसान और मजदूर विरोधी भूमिकाओं की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि दोनों सरकारें किसान और मजदूरों से दुश्मन सा व्यवहार कर रही है। बढ़ती लागत व घटती आमदनी से किसानों को राहत नहीं मिली है। उपज के दाम नहीं मिल रहे  हैं। बिजली और डीजल की कीमतें आकाश छू रही हैं । वहीं घोषित एमएसपी पर भी फसल नहीं  बिक पा रही है। किसान कर्ज के फंदे में फंसता जा रहा है। किसानों के लिए किसी भी तरह का कर्ज़ मुक्ति या राहत पैकेज नहीं दिया जा रहा है। प्राकृतिक आपदा के चलते नष्ट हुई फसलों का अभी तक सर्वे नहीं किया गया है।

श्री बबलू जाधव ने  बताया  कि संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रम संगठनों द्वारा तैयार ज्ञापन के अलावा स्थानीय मांगों का ज्ञापन भी राष्ट्रपति के नाम  संयुक्त संभागायुक्त  को सौंपा। इस ज्ञापन में एमएसपी की गारंटी देने, बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने ,चारों श्रम संहिता रद्द करने, श्रम कानून की बहाली करने, इंदौर के 186 किसानों का बकाया पौने तीन करोड़  रुपए का भुगतान तत्काल मंडी निधि से करने, 2019 से प्याज, सोयाबीन के बकाया भावांतर राशि तथा गेहूं बोनस राशि का भुगतान, इकोनामिक कॉरिडोर, रिंग रोड सहित सभी योजनाओं में खेती की जमीन का अधिग्रहण बगैर किसानों की सहमति से नहीं करने और अधिग्रहित भूमि का  बाजार भाव से चार गुना मुआवजा देने एवं  निरंजनपुर की  सब्जी मंडी को कृषि उपज मंडी की उप मंडी घोषित करने की मांग पुनः दोहराई। प्रदर्शन में संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता , बड़ी संख्या में आदिवासी महिला- पुरुष और किसान मजदूर संगठनों के  कार्यकर्ता शामिल हुए।  

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