साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू होगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
14 दिसम्बर 2023, भोपाल: साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू होगी – मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कल 13 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। डॉ. मोहन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
मंत्रि-परिषद द्वारा 1 जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था मध्यप्रदेश के सभी 55 ज़िलों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में बिना आवेदन, नामांतरण और अभिलेख दुरुस्तीकरण की व्यवस्था जून, 2022 से लागू की गई है। इसे साइबर तहसील नाम दिया गया है। इसमें रजिस्ट्री उपरांत, क्रेता के पक्ष में अविवादित नामांतरण, एक फ़ेसलेस, पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन प्रक्रिया के द्वारा 14 दिन में बिना आवेदन के और बिना तहसील के चक्कर लगाए स्वतः ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है और खसरे तथा नक़्शे में भी क्रेता का नाम चढ़ जाता है। वर्तमान में यह व्यवस्था प्रदेश के 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू है। इसके माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस
मुख्यमंत्री श्री मोहन ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्व फैसला लिया है। श्री मोहन ने कहा हैं कि नई सरकार सभी जिलों में संचालित 570 शासकीय महाविद्यालयों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस’ के रूप में उन्नत करेगी। इन कॉलेजों के विकास पर 460 करोड़ 40 लाख रूपए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित सभी शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री और अंकसूची को डिजी लॉकर में अपलोड किया जाएगा।
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक में वृद्धि
सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 3 हजार रुपए प्रति बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति बोरा कर दी है। इससे 35 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 162 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।
मंत्रि-परिषद ने धार्मिक एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से बजाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय भी लिया है। इसके अलावा मंत्रि-मंडल ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बिना लायसेंस के खुले में अवैध रूप से मांस-मछली आदि का क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध का निर्णय लिया हैं।
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