अगर सरकार डीएपी पर सब्सिडी न दे तो किसानों को 165 फीसदी अधिक देना होगा खाद का दाम
13 दिसम्बर 2023, नई दिल्ली: अगर सरकार डीएपी पर सब्सिडी न दे तो किसानों को 165 फीसदी अधिक देना होगा खाद का दाम – डीएपी एक रासायनिक उर्वरक है। इसका पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट है। यह एक क्षारीय प्रकृति का उर्वरक है। डीएपी में 46% फ़ॉस्फ़ोरस और 18% नाइट्रोजन होता है। यह पानी में घुलनशील होता है यूरिया की तरह डीएपी को भी खरीदने के लिए सरकार की ओर से हर साल सब्सिडी दी जाती हैं।
किसानों को सस्ती दर पर डीएपी उपलब्ध हो इसके लिए सरकार हर साल डीएपी सब्सिडी के लिए करोड़ों का बजट पास करती हैं। सरकार कुल 1.75 लाख करोड़ का बजट इस वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लेकर चल रही हैं।
डीएपी की बोरी 50 किलो की होती हैं। जो किसान 1350 रूपये में खरीदते हैं जबकि इस डीएपी की एक बोरी की कीमत 3582 रुपये होती है। किसानों को राहत देने के लिए डीएपी की 50 किलों की बोरी पर सरकार द्वारा 2421.65 रूपये की सब्सिडी देती हैं। तब जाकर किसानों को यह बोरी 1350 रुपये मिलती हैं।
मगर कभी किसानों ने यह सोचा हैं कि अगर सरकार डीएपी की बोरी पर सब्सिडी न दे तो यह बोरी किसानों को कितने के मिलेगी। किसानों को इसका कितना अधिक मूल्य देना होगा।
अगर सरकार किसानों को सब्सिडी नहीं देती हैं तो किसानों को इस डीएपी की बोरी का 165 फीसदी अधिक मूल्य देना होगा। जिसका सीधा असर किसानों की आय पर पडे़गा। इसलिए सरकार किसानों के बोझ को कम करने के लिए हर साल डीएपी पर सब्सिडी के रूप में बड़ी मोटी राशि खर्च कर रही है।
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