राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

वेब पोर्टल के जरिए किसानों से डायरेक्ट होगी अरहर दाल की खरीद: अमित शाह

वर्ष 2027 तक दलहन में आत्मनिर्भर होगा भारत

05 जनवरी 2024, नई दिल्ली: वेब पोर्टल के जरिए किसानों से डायरेक्ट होगी अरहर दाल की खरीद: अमित शाह – केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में एक समारोह में तूअर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद, भुगतान के लिए ई-समृद्धि व एक अन्य पोर्टल लोकार्पित किया। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) तथा भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर दलहन में आत्मनिर्भरता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित हुई।

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ये पोर्टल के जरिए ऐसी शुरूआत की है, जिससे नेफेड व एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों को एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर तूर दाल की बिक्री में सुविधा होगी, उन्हें एमएसपी या फिर इससे अधिक बाजार मूल्य का डीबीटी से भुगतान हो सकेगा।

उन्होंने कहा इस शुरूआत से आने वाले दिनों में किसानों की समृद्धि, दलहन उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता और पोषण अभियान को भी मजबूती मिलती दिखेगी। साथ ही क्रॉप पैटर्न चेंजिंग के अभियान में गति आएगी और भूमि सुधार एवं जल संरक्षण के क्षेत्रों में भी बदलाव आएगा। आज की शुरूआत आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में प्रचंड परिवर्तन लाने वाली है।

भारत 2027 तक दलहन क्षेत्र में हो जायेगा आत्मनिर्भर

श्री शाह ने कहा कि दलहन के क्षेत्र में देश आज आत्मनिर्भर नहीं है, लेकिन हमने मूंग व चने में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दलहन उत्पादक किसानों पर बड़ी जिम्मेदारी डाली है कि वर्ष 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हों। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि किसानों के सहयोग से दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा और देश को एक किलो दाल भी आयात नहीं करना पड़ेगी।

‘किसानों का उत्पाद शत प्रतिशत ख़रीदा जाएगा’

शाह ने कहा कि हमने निश्चित कर लिया है कि जो किसान उत्पादन करने से पहले ही पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएगा, उसकी दलहन को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शत-प्रतिशत खरीद कर लिया जाएगा।

किसानों के दोनों हाथों में होंगे लड्डू

शाह ने कहा इस पोर्टल पर रजिस्टर करने के बाद किसानों के दोनों हाथों में लड्डू होंगे। फसल आने पर अगर दाम एमएसपी से ज्यादा होगा तो उसकी एवरेज निकाल कर भी किसान से ज्यादा मूल्य पर दलहन खरीदने का एक वैज्ञानिक फार्मूला बनाया गया है और इससे किसानों के साथ कभी अन्याय नहीं होगा।

श्री शाह आगे कहा ने किसानों से दलहन अपनाने व देश को 1 जनवरी 2028 से पहले दलहन में आत्मनिर्भर बनाने की अपील की, ताकि देश को 1 किलो दलहन भी इंपोर्ट नहीं करना पड़े।

पेट्रोल के कुएं की तरह हो जायेंगे मक्के खेत 

श्री शाह ने कहा कि इसके साथ ही इथेनॉल उत्पादन भी हमें बढ़ाना है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए लाखों टन इथेनॉल की जरूरत होगी। नेफेड व एनसीसीएफ इसी पैटर्न पर आगामी दिनों में मक्के का रजिस्ट्रेशन चालू करने वाले हैं, जो किसान मक्का बोएगा, उसके लिए सीधा इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री के साथ एमएसपी पर मक्का बेचने की व्यवस्था कर देंगे। इससे किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इससे आपका खेत मक्का उगाने वाला नहीं, बल्कि पेट्रोल बनाने वाला कुंआ बन जाएगा। देश के पेट्रोल के लिए इम्पोर्ट की फॉरेन करेंसी को बचाने का काम किसानों को करना चाहिए। उन्होंने देशभर के किसानों से अपील की है कि हम दलहन के क्षेत्र आत्मनिर्भर बनें और पोषण अभियान को भी आगे बढ़ाएं।

श्री शाह ने कहा कि बीते 9 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में खाद्यान्न उत्पादन में बहुत बड़ा बदलाव आया है। वर्ष 2013—14 में खाद्यान्न उत्पादन कुल मिलाकर 265 मिलियन टन था और 2022—23 में यह बढ़कर 330 मिलियन टन तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद के 75 साल में किसी एक दशक का विश्लेषण करें तो सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी मोदी जी के नेतृत्व में देश के किसानों ने की है। उन्होंने कहा कि इस दौरान दलहन के उत्पादन में भी बहुत बड़ी बढ़ोतरी हुई है मगर तीन दलहनों में हम आत्मनिर्भर नहीं है और उसमें हमें आत्मनिर्भर होना है।

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