गौवंश में आई महामारी में गौमाता को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : श्री जैन
18 अगस्त 2022, जयपुर । गौवंश में आई महामारी में गौमाता को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : श्री जैन – गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि गोवंश में आई महामारी के समय गोवंश को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय गोवंश को बचाने के लिए बहुत ही संवेदनशील है एवं उन्होंने इस महामारी में गोवंश को बचाने के लिए हर स्तर पर उपचार के पुख्ता प्रबंध किए है। उन्होंने कहा कि गौवंश को बचाने के लिए हमें दवाईयों के साथ प्राचीन पद्धति के उपचार को भी काम में लेना है, जिससे की हम गौवंश को बचा सके, इसके लिए उन्होंने पशुपालकों को जागरूक कर बीमार पशुओं का फिटकरी की पानी से नहाने, नीम के पतों के पानी से नहाने एवं गुड़ का पानी पिलाने की सलाह दें।
श्री जैन भाया जिला कलक्ट्री सभाकक्ष जैसलमेर में आयोजित जिला अधिकारियों, गौशाला प्रतिनिधियों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन, जिला कलक्टर टीना डाबी, पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत, गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित, अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, बीसूका उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर, राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खान के साथ ही गोशालाओं के संचालकों के प्रतिनिधि एवं अन्य प्रशासनिक व पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
गोपालन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गोवंश के संवर्धन के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएं है। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में नंदी गोशालाएं खोली गई है, वहीं गौशालाओं का अनुदान भी बढ़ाया है। इसके साथ ही गोशालाओं को वर्ष में छह माह से बढ़ाकार नौ माह का अनुदान देकर गोवंश के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि नंदी गोशाला के संचालन में तो गोपालन विभाग 90 प्रतिशत अनुदान दे रहा है एवं संचालक को मात्र 10 प्रतिशत राशि ही वहन करनी पड़ रही है, जो अपने आप में बहुत बड़ा निर्णय है। उन्होंने गोशाला संचालकों से आह्वान किया कि वे इस महामारी के दौर में गोवंश को बचाने में तन, मन एवं धन से पूरा सहयोग करे एवं किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दे।
इस मौके पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अंजना मेघवाल, बीसूका उपाध्यक्ष उम्मेद सिंह तंवर ने भी जिले में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने एवं ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता जताई। उप निदेशक पशुपालन श्री अशोक सुथार ने लम्पी स्किन डिजीज के उपचार के सम्बन्ध में की गई सम्पूर्ण गतिविधियों की जानकारी दी।
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