राज्य कृषि समाचार (State News)

पांढुर्ना में प्राकृतिक आपदा से संतरा – गेहूं की फसल बर्बाद

किसानों ने सरकार से मांगी आर्थिक सहायता

27 मार्च 2024, पांढुर्ना(उमेश खोड़े, पांढुर्ना): पांढुर्ना में प्राकृतिक आपदा से संतरा – गेहूं की फसल बर्बाद – पांढुर्ना क्षेत्र में कुदरत के कहर से किसान परेशान हैं। पिछले दिनों हुई आकस्मिक वर्षा से प्रभावित हुई गेहूं की फसल का आकलन करने के लिए राजस्व और कृषि विभाग की ओर से फसल कटाई प्रयोग की प्रक्रिया की ही जा रही थी, कि रविवार को दोपहर तीन बजे बाद  तेज़ हवा के साथ हुई वर्षा ने संतरा की फसल को धराशायी कर दिया, जिससे संतरा उत्पादक किसानों का लाखों का नुकसान हो गया। विडंबना यह है कि संतरा उद्यानिकी फसल के अंतर्गत आता है , लेकिन इस फसल को अभी तक फसल बीमा में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे हालातों में पीड़ित किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा। सरकार को अन्य विकल्पों से संतरा नुकसानी के लिए किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

संतरा फसल में लाखों का नुकसान – उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में संतरा की फसल बड़े पैमाने पर होती है। पांढुर्ना तहसील के ग्राम तिगांव, बोरगांव, मारुड़, खेड़ीपांडेवार और  घुड़नखापा और भंडारगोंदी  में गत  रविवार  को तेज़ हवा के साथ हुई वर्षा ने गेहूं और संतरा की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाया। ऐसे में संतरा उत्पादक किसानों ने अपनी व्यथा कृषक जगत से साझा की।  तिगांव के किसान श्री मोहन राउत ने बताया कि बोरगांव में 8 एकड़ और और तिगांव में 9 एकड़ में लगे संतरे के बगीचे में फल पककर तैयार थे , उन्हें तोड़ने की तैयारी की ही जा रही थी कि रविवार दोपहर को अचानक तेज़ हवा के साथ बारिश होने लगी जिससे संतरे ज़मीन पर गिरने लगे। मात्र 20 % संतरे ही पेड़ पर बचे हैं। नीचे गिरी 80 % फसल का कोई लेवाल नहीं मिलेगा और बेभाव में बेचना पड़ेगा। अभी 35 हज़ार रु /टन का भाव है। इस हिसाब से करीब 20 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं देवखापा के संतरा उत्पादक श्री रवि हिवरे ने कहा कि मेरे यहां संतरे के 250 पेड़ हैं। पिछले दिनों हुई आकस्मिक वर्षा और तेज़ हवा दे 65 % संतरा फसल का नुकसान हुआ है। नीचे गिरी फसल को व्यापारी बहुत कम कीमत पर मांग रहे हैं। करीब 3 लाख का नुकसान हुआ है। केसीसी नहीं होने से इस नुकसान को स्वयं  ही वहन करना पड़ेगा। संतरा की उपज लेने वाले श्री सुधीर ठाकरे , पांढुर्ना ने बताया कि संतरे का 2 हज़ार पेड़ों का बगीचा है। रविवार को अचानक हुई बारिश और हवा -आंधी से 15 टन से अधिक संतरे नीचे गिर गए , जिससे करीब 5 -6 लाख का नुकसान हुआ है। नीचे गिरे संतरों को मज़बूरी में बहुत कम कीमत पर बेचना पड़ा। संतरा फसल को  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल करना चाहिए , ताकि किसानों को कुछ आर्थिक राहत मिल सके।

गेहूं की फसल आड़ी पड़ी – आदि क्षेत्र में रविवार को हुई आकस्मिक वर्षा और तेज़ हवा से संतरे के साथ ही  गेहूं फसल को भी बहुत नुकसान हुआ। श्री पुरुषोत्तम आखरे, भण्डारगोंदी ने बताया कि हवा -आंधी और बारिश से करीब डेढ़ टन संतरा नीचे गिर गया , जिससे 60  हज़ार का नुकसान हुआ ,वहीं 3 एकड़ में गेहूं की हरी फसल पूरी आड़ी पड़ गई। इससे भी बहुत नुकसान हुआ है। जबकि धावड़ीखापा के श्री मंसाराम खोड़े और श्रीमती वनमाला खोड़े द्वारा उनके यहाँ गेहूं फसल में करीब 80 % की नुकसानी बताई गई है।  

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