राज्य कृषि समाचार (State News)

हरदा, होशंगाबाद, बैतूल में लगेंगे तोतापरी के लाखों पौधे

मुख्यमंत्री का महत्वाकांक्षी उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण मिशन

इंदौर (विशेष प्रतिनिधि )। उद्यानिकी के तहत तोतापरी आम के जरिये किसानों को समृद्ध बनाने के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का महत्वाकांक्षी खाद्य प्रसंस्करण मिशन जल्द ही आकार लेगा। इसके लिए प्रदेश के तीन जिलों बैतूल, होशंगाबाद और हरदा में एक हजार एकड़ में तोतापरी आम के लाखों पेड़ अति उच्च घनत्व वाली तकनीक से लगाए जाएंगे। अनुबंध खेती के तहत उत्पादित आमों को जैन इरिगेशन खरीदेगा और आम का पल्प बनाकर कोकाकोला कम्पनी को माज़ा बनाने के लिए आपूर्ति करेगा।

  • 1 एकड़ पर 43 हजार रुपए सब्सिडी
  • जैन इरिगेशन खरीदेगा आम
  • काकोला कम्पनी बनाएगी माजा

कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उद्यानिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में जैन इरिगेशन और कोकाकोला कंपनियों के प्रतिनिधियों ने म.प्र. में उद्यानिकी आधारित प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने पर सहमति दी थी। इसके बाद ही उद्यानिकी संचालनालय ने आम की प्रसंस्करण किस्म तोतापरी की अनुबंध खेती के लिए बैतूल, होशंगाबाद और हरदा का चयन किया था,क्योंकि अल्फांसो के बाद तोतापरी की किस्म ही प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त है। अनुबंध खेती के तहत तीन जिलों बैतूल, होशंगाबाद और हरदा में क्रमश: 500 और 250 -250 एकड़ में तोतापरी आम के लाखों पेड़ अति उच्च घनत्व वाली तकनीक से लगाए जाएंगे। तोतापरी आम की खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ 43 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा। उत्पादित आमों को जैन इरिगेशन खरीदेगा और आम का पल्प बनाकर कोकाकोला कम्पनी को माज़ा बनाने के लिए आपूर्ति करेगा। बाद में कम्पनी द्वारा आम की उत्पादन क्षमता के आधार पर हरदा और होशंगाबाद में भी पल्प बनाने की इकाइयां स्थापित की जाएंगी।

जिलों में तैयारियां

इस संबंध में कृषक जगत ने होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिलों के उद्यानिकी उप संचालकों से चर्चा की। श्री एस.एस.तोमर होशंगाबाद ने बताया कि 100 एकड़ में तोतापरी आम के करीब 34 हजार पौधों का रोपण हो चुका है। 70 एकड़ में तैयारी हो गई है। आपने कहा कि प्रदेश का पहला हार्टिकल्चर हब जिले के मोहासा- बाबई औद्योगिक क्षेत्र में 144 एकड़ में बनाया जाएगा, जहां एक एकड़ से अधिक क्षेत्र वाले विकसित प्लाटों में उच्च मूल्य वाली उद्यानिकी फसलों की सुरक्षित खेती की जाएगी।
सुश्री नीलम पाटिल हरदा ने बताया कि 19 एकड़ में 6327 तोतापरी आम के पौधे 13 किसानों के यहां रोपे जा चुके हैं। गेहूं काटने के बाद जब खेत खाली हो जाएंगे, तो इस कार्य में गति आएगी। जिले के विकास खंडों में किसानों के लिए प्रशिक्षण जारी है।
श्रीमती आशा उपवंशी, बैतूल ने कहा कि फरवरी में पौधरोपण शुरू किया। 100 एकड़ में अति उच्च घनत्व वाली तकनीक से एक एकड़ में 3ङ्ग 4 मीटर की दूरी पर 333 पौधे रोपे गए हैं। ड्रिप भी लगा दी गई है। करीब 300 एकड़ के लिए किसानों को चयनित भी किया जा चुका है। किसानों का रुझान अच्छा है। गेहूं कटने के बाद खेत खाली होंगे तब शेष पौधे रोपे जाएंगे।

उत्साही किसान

होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा ब्लॉक के ग्राम कोटलाखेड़ी के किसान श्री अविनाश गौर ने कृषक जगत को बताया कि 2 एकड़ में तोतापरी आम के अब तक 586 पौधे लगा दिए गए हैं। बीच की जगह में अंतरवर्तीय फसल में पपीते और तरबूज लगाए हैं। होशंगाबाद ब्लॉक के ग्राम कुलड़ा के श्री सुशील गौर के यहां 3 एकड़ में एक हजार पौधे रोपे जा चुके हैं। ड्रिप भी लग गई है। अंतरवर्तीय फसल में चना बोया है। इसी तरह यहीं के श्री राकेश गौर के यहां भी दो एकड़ में 1650 पौधे लग चुके हैं। इन्होंने भी अंतरवर्तीय फसल में चना बोया है।

जैन इरिगेशन के प्रयास

जैन इरिगेशन के म.प्र.प्रमुख श्री विवेक डांगरीकर ने कृषक जगत को बताया कि होशंगाबाद जिले में 150 एकड़ में पौधे सप्लाय हो चुके हैं। 50 एकड़ में ड्रिप का काम हो गया है। जबकि बैतूल और हरदा जिलों में 16 -16 हजार पौधे ही वितरित हुए हैं।

आसानी से तुड़ाई

जैन इरिगेशन के एग्रोनॉमिस्ट श्री मुरलीधर अय्यर इन तीन जिलों में किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण देने के अलावा अपनी देखरेख में तोतापरी आम के पौधों को रोपित करवा रहे हैं। श्री अय्यर ने कहा कि आमतौर पर एक एकड़ में आम के 40 पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन यहां अति उच्च घनत्व तकनीक से आम के 333 पौधे लगाए जाएंगे। यही नहीं इन आम के पेड़ों की ऊंचाई भी अधिकतम 6 फ़ीट रखी जाएगी, ताकि पेड़ों की उचित देखरेख के साथ ही आम की तुड़ाई भी सरलता से हो सके।

आम के प्रमुख रोग – नियंत्रण

आम के प्रमुख कीटों का समुचित प्रबंधन

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *