हेलीकाप्टर एवं ड्रोन से हो रहा टिड्डी नियंत्रण
हेलीकाप्टर एवं ड्रोन से हो रहा टिड्डी नियंत्रण
08 जुलाई 2020, नई दिल्ली। हेलीकाप्टर एवं ड्रोन से हो रहा टिड्डी नियंत्रण – टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से 6 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,43,422 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार राज्यों में 6 जुलाई, 2020 तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया।
6-7 जुलाई, 2020 की रात को एलसीओ कार्यालयों द्वारा राजस्थान के 7 जिलों बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, सीकर और जयपुर में 22 स्थानों पर तथा उत्तर प्रदेश के झांसी जिले एवं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में 1-1 स्थान पर नियंत्रण अभियान चलाया गया। इसके अलावा 6-7 जुलाई, 2020 की रात को उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि विभाग द्वारा झांसी जिले के 3 स्थानों पर, वहीं मध्य प्रदेश के राज्य कृषि विभाग ने टीकमगढ़ जिले में 1 स्थान पर टिड्डियों के छोटे समूहों और बिखरे हुए झुंडों पर नियंत्रण अभियान चलाया गया।
टिड्डी रोधी अभियानों के लिए हवाई छिड़काव क्षमता मजबूत बनाई गई है। आवश्यकता के आधार पर राजस्थान के अधिसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है। भारतीय वायु सेना ने भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर के उपयोग के द्वारा टिड्डी रोधी अभियान में परीक्षण कार्य पूरा किया है। नतीजे खासे उत्साहित करने वाले रहे हैं। आईएएफ ने जोधपुर जिले में हवाई छिड़काव के लिए 5 जुलाई को एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात करके टिड्डी रोधी अभियान में भागीदारी शुरू कर दी है। यह भारत में टिड्डी नियंत्रण के इतिहास में अपनी तरह की पहली घटना है।
इसके अलावा कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में 15 ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। भारत ऐसा पहला देश है जो टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है। 21 मई, 2020 को एमओसीए ने विभिन्न नियमों और शर्तों के तहत टिड्डी रोधी परिचालन के लिए दूरस्थ पायलटेड एयर क्राफ्ट सिस्टम के उपयोग के लिए सरकारी इकाई को सशर्त छूट दी थी। इसके अलावा, 27 जून, 2020 को एमओसीए ने नियमों व शर्तों को लचीला कर दिया था और टिड्डी रोधी अभियानों में 50 किग्रा तक के इंजन चालित ड्रोन के उपयोग तथा रात में भी ड्रोन के उपयोग को मंजूरी दे दी थी।
टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से 6 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,43,422 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया जा चुका है। राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार राज्यों में 6 जुलाई, 2020 तक 1,32,465 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया।
6-7 जुलाई, 2020 की रात को एलसीओ कार्यालयों द्वारा राजस्थान के 7 जिलों बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, अजमेर, सीकर और जयपुर में 22 स्थानों पर तथा उत्तर प्रदेश के झांसी जिले एवं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में 1-1 स्थान पर नियंत्रण अभियान चलाया गया। इसके अलावा 6-7 जुलाई, 2020 की रात को उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि विभाग द्वारा झांसी जिले के 3 स्थानों पर, वहीं मध्य प्रदेश के राज्य कृषि विभाग ने टीकमगढ़ जिले में 1 स्थान पर टिड्डियों के छोटे समूहों और बिखरे हुए झुंडों पर नियंत्रण अभियान चलाया गया।
टिड्डी रोधी अभियानों के लिए हवाई छिड़काव क्षमता मजबूत बनाई गई है। आवश्यकता के आधार पर राजस्थान के अधिसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में एक बेल हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है। भारतीय वायु सेना ने भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर के उपयोग के द्वारा टिड्डी रोधी अभियान में परीक्षण कार्य पूरा किया है। नतीजे खासे उत्साहित करने वाले रहे हैं। आईएएफ ने जोधपुर जिले में हवाई छिड़काव के लिए 5 जुलाई को एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात करके टिड्डी रोधी अभियान में भागीदारी शुरू कर दी है। यह भारत में टिड्डी नियंत्रण के इतिहास में अपनी तरह की पहली घटना है।
इसके अलावा कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों पर टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में 15 ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। भारत ऐसा पहला देश है जो टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है। 21 मई, 2020 को एमओसीए ने विभिन्न नियमों और शर्तों के तहत टिड्डी रोधी परिचालन के लिए दूरस्थ पायलटेड एयर क्राफ्ट सिस्टम के उपयोग के लिए सरकारी इकाई को सशर्त छूट दी थी। इसके अलावा, 27 जून, 2020 को एमओसीए ने नियमों व शर्तों को लचीला कर दिया था और टिड्डी रोधी अभियानों में 50 किग्रा तक के इंजन चालित ड्रोन के उपयोग तथा रात में भी ड्रोन के उपयोग को मंजूरी दे दी थी।
वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में नियुक्त/ तैनात कर दिए गए हैं और साथ ही केन्द्र सरकार के 200 से ज्यादा कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण परिचालनों में लगे हुए हैं। इसके अलावा आज 20 छिड़काव उपकरण भारत पहुंच गए।
वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 60 नियंत्रण दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में नियुक्त/ तैनात कर दिए गए हैं और साथ ही केन्द्र सरकार के 200 से ज्यादा कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण परिचालनों में लगे हुए हैं। इसके अलावा 20 छिड़काव उपकरण भारत पहुंच गए।