State News (राज्य कृषि समाचार)

सूखे क्षेत्रो में वैज्ञानिक तरीके से कैसे भेड़ पालें

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29 नवम्बर 2022, जैसलमेर: सूखे क्षेत्रो में वैज्ञानिक तरीके से कैसे भेड़ पालें – कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण ने रामदेवरा मे शुष्क क्षेत्रो मे वैज्ञानिक भेड़ पालन विषयक एकदिवसीय असंस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया । केंद्र के पशुपाल वैज्ञानिक डॉ राम निवास ढाका ने क्षेत्र के किसानो को भेड़ पालन मे प्रमुख नस्लों, आहार प्रबंधन, आवास, रोग एवं बचाव पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि भेड़ों को मुख्य रूप से मांस, दूध, ऊन, प्राप्त करनें के उद्देश्य से पाला जाता है। उन्होने शुष्क क्षेत्रो मे पायी जाने वाली झाड़िया, घास, नीम, खेजड़ी इत्यादि पोषक तत्वों से भरपूर होने से भेड़ो का शरीरिक विकास अच्छा करती है। नीम की पत्तियों को खिलाने से यह प्राकृतिक कृमिनाशक का कार्य करने के साथ साथ इनमे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है ।   

भेड़ का मांस काफी पौष्टिक होनें के साथ ही इसमें कई विटामिन पाए जाते है। क्षेत्र के लिए मुख्य उत्तम नस्ले जैसे मारवाड़ी, मगरा, जैसलमेरी, मुजफ्फरनगरी,  नाली, पाटनवाड़ी आदि को पालकर किसान अधिक आमदनी अर्जित कर सकता है। गर्भावस्था और उसके बाद जब तक मेमने दूध पीते हैं, तब तक भेड़ के पालन पोषण पर अधिक ध्यान देना चाहिये। इन्हें संतुलित और पोष्टिक आहार अन्य भेड़ों की तुलना में ज्यादा देना चाहिए।  भेड़ आम तौर पर नौ महीने की आयु में पूर्ण वयस्क हो जाती है किन्तु स्वस्थ मेमने लेने के लिये यह आवश्यक है कि उसे एक वर्ष का होने के पश्चात ही गर्भधारण कराया जाए| भेड़ों में प्रजनन आठ वर्ष तक होता है| गर्भवस्था औसतन 147 दिन कि होती है|

कार्यक्रम मे सस्य वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास ने बताया की भेड़ खेत मे फसल अवशेषों के समुचित उपयोग मे मदद करने वाला जानवर है । उन्होने सूखे चारे के साथ साथ चारे वाली फसलों को आहार के तौर पर उपयोग करने पर ज़ोर दिया । प्रशिक्षण मे सुनील शर्मा प्रसार वैज्ञानिक ने भेड़ पालन के साथ वर्मी कम्पोस्ट इकाई लगाकर किसान अतिरिक्त आय का सर्जन करने की बात बताई । मेढों को प्रजनन के लिये छोड़ने से पहले यह निश्चित कर ले कि उन्हें उस क्षेत्र में पाई जाने वाली संक्रामक बिमारियों के टीके लगा दिये गये है तथा उनको कृमिनाशक औषधि से नहलाया जा चूका है| मैंढ़े को प्रजनन के लिये अधिक से अधिक आठ सप्ताह तक छोड़ना चाहिये तथा निश्चित अवधि के पश्चात उन्हें रेवड़ से अलग कर देना चाहिये|

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (28 नवम्बर 2022 के अनुसार)

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