State News (राज्य कृषि समाचार)

पेस्टिसाइड डीलर, वितरकों, निर्माताओं के कर्तव्य और जिम्मेदारियां

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  • प्रो. (डॉ.) जे. एन. भाटिया
    सेवानिवृत्त प्रधान वैज्ञानिक (प्लांट पैथोलॉजी), सीसीएस एचएयू हिसार, हरियाणा
  • आदित्य, कृषि और पर्यावरण विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम-के), सोनीपत, हरियाणा
    ई-मेल: jnbhatia06@gmail.com, मो. : 91-9416654847

4 मई 2023, पेस्टिसाइड डीलर, वितरकों, निर्माताओं के कर्तव्य और जिम्मेदारियां – हरित क्रांति की सफलता से भारत जहां एक और खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ है वहीं दूसरी ओर बढ़ती हुई जनसंख्या की जरूरतों की पूर्ति करने के साथ-साथ खाद्यान्न का निर्यातक भी बन गया है। यह सब अर्जित करने में उन्नत किस्म के बीजों खाद व उर्वरकों का प्रयोग तथा कीटनाशक रसायनों का योगदान सर्वोपरि है। आज के दिन हमारे देश में 291 पेस्टिसाइड कृषि के लिए पंजीकृत हैं, जिसमें कीटनाशक रसायनों का हिस्सा लगभग 80.5  प्रतिशत है।  इसके अलावा लगभग 15.8 प्रतिशत खरपतवारनाशी, 1.5 फफूंदनाशक तथा 2.0  प्रतिशत अन्य रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है।  हालांकि भारत में कीटनाशकों का प्रयोग शुरु से ही अन्य देशों की तुलना से कम ही किया जा रहा है, फिर भी कीटनाशकों के अवशेषों का खाद्य पदार्थ व पर्यावरण में निर्धारित मात्रा में अधिक पाया जाना चिंता का विषय है। भारतवर्ष में कीटनाशी डीलरों की संख्या 3 लाख से भी ऊपर पहुंच चुकी है तथा देहात में किसान व डीलरों का एक अटूट रिश्ता है। कीटनाशक अधिनियम 1968 में विशेष तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि जो भी कीटनाशक/रसायन हम खेती-बाड़ी में प्रयोग कर रहे हैं, वह मानव, पशु, पक्षी, जली जलीय, जंगली जानवर व पर्यावरण के लिए सुरक्षित होनी चाहिए। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अधिनियम में पीडक़नाशी बेचने वाले डीलरों, वितरकों और निर्माताओं की भी जिम्मेदारी रखी गई है कि वह उन्हें बखूबी निभाकर मानव जाति व पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना भरपूर योगदान दें।

पेस्टिसाइड डीलर के कर्तव्य व जिम्मेदारियां
  • कीटनाशक अधिनियम 1968 के अंतर्गत परिभाषाएं (ग) के अनुसार डीलर का अर्थ है कि कीटनाशक बेचने का व्यवसाय करने वाले व्यक्ति चाहे तो वह थोक या खुदरा व्यापारी हो और इसमें डीलर का एजेंट भी शामिल है।
  • कीटनाशकों व अन्य रसायनों का क्रय-विक्रय करने से पहले सक्षम प्राधिकारी से लाइसेंस अवश्य प्राप्त कर लें क्योंकि कानून के अंतर्गत कीटनाशकों की बिक्री के लिए प्रदर्शन या भंडारण या वितरण के लिए वैध लाइसेंस होना चाहिए
  • कीटनाशकों को बेचने के लिए बिक्री की एक पुस्तिका लगाएं जिसमें बेची गई कीटनाशकों व अन्य रसायनों का किसान सहित ब्यौरा दर्ज हो।
  • कीटनाशक विक्रेताओं को चाहिए कि वह यदि सल्फर की बिक्री कर रहा हो तो उसकी खरीद-फरोख्त का अलग से पुस्तिका लगाएं ताकि सल्फर की चोरी होने पर नजदीकी पुलिस स्टेशन या कृषि विभाग को सूचित कर सकें।
  • डीलरों को चाहिए कि वह उचित बिल इन्वॉयस के साथ वैद्य स्रोत से ही कीटनाशक रसायनों की खरीद-फरोख्त करें।
  • कीटनाशक खरीदने पर हर किसान को उचित बिल दें तथा बिल में बैच संख्या, विनिर्माण और सुनाती तिथि का ब्यौरा जरूर उपलब्ध कराएं।
  • हर डीलर को चाहिए कि वह अपने लाइसेंस के प्रति अपनी दुकान के परिसर में एक विशिष्ट स्थान पर प्रदर्शित करें।
  • सभी डीलरों को चाहिए कि दैनिक आधार पर उसके दृश्य आयोजित कीटनाशकों के स्टाक की मात्रा तथा ऐसे कीटनाशकों की कीमतों या दरों की एक सूची अपनी दुकान के आगे लगाएं (10 डी)।
  • यदि कोई डीलर अत्यधिक जहरीले कीटनाशकों एलमुनियम फास्फाइड, मिथाइल ब्रोमाइड, एथिलीन डाई ब्रोमाइड की बिक्री करना चाहता है तो उसके लिए अलग से लाइसेंस लें जो 5 वर्ष तक मान्य रहता है।
  • अधिनियम के तहत यह अत्यधिक जरूरी है कि हमेशा कीटनाशक रसायन को निर्माता की मूल पैकिंग में ही बेचे।
  • डीलरों को चाहिए कि वह अपने भंडार में कीटनाशक, फफूंदनाशक व खरपतवारनाशक को अलग-अलग तरकीब से रखें।
  • सभी डीलरों की यह भी जिम्मेवारी बनती है कि वह अपने भंडार में कीटनाशकों व अन्य रसायनों की स्टॉकिंग, खपत व सीजन के अनुसार ही भंडार करें।
  • केवल पंजीकृत कीटनाशक व अन्य रसायन का भंडार, वितरण और बिक्री पंजीकरण के नियम एवं शर्तों के अनुरूप ही करें।
  • सभी डीलरों को चाहिए कि वह किसानों को लेवल व लीफलेट (पत्रक) के अनुसार प्रयोग की मात्रा, समय और तरीके के बारे में भी सही जानकारी उपलब्ध कराएं।
  • घटिया नकली और कम मानक वाले कीटनाशकों एवं रसायनों की बिक्री, स्टॉकिंग, वितरण से बचें क्योंकि कीटनाशक अधिनियम 1968 के तहत यह एक गंभीर अपराध है।
  • सभी डीलर किसान को कोई ऐसी सलाह वह सिफारिश नहीं करें जिनका उल्लेख कीटनाशक लेवल व लीफलेट में ना किया गया हो।
  • जिम्मेदार व्यक्ति की भूमिका निभाते हुए नकली कीटनाशकों के बारे में पुलिस या कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित करें।
  • यदि कोई सहायक या एजेंट अपनी दुकान पर नियुक्त कर रखा है तो उसका शुरू में ही चिकित्सा परीक्षण करा ले तथा समय-समय पर उसकी जांच अवश्य जरूर करवाते रहें।
  • कीटनाशक को उनकी समाप्ति की तारीख के बाद ना बेचे। यह भी दंडनीय अपराध है।
  • कीटनाशकों को प्रयोग करने से पहले किसानों को लेबलों और लीफलेट पढऩे की जरूर सलाह दें तथा पैकिंग और प्रयुक्त सामग्री के उचित निपटान के बारे में किसानों को जागरूक किया जा सके।
  • कीटनाशकों का भंडारण खुला,  हवादार, साफ सुथरा, पक्का फर्श व सुरक्षा के हर पहलू पर खरा तरना चाहिए।
पेस्टिसाइड वितरक के कर्तव्य एवं जिम्मेदारियां
  • कीटनाशक वितरक, विनिर्माणकरता, आयातक, खुदरा विक्रेता व थोक विक्रेता सभी हो सकते हैं। यह सब कीटनाशकों के सुरक्षा व पर्यावरण प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कीटनाशक अधिनियम के तहत इनके मुख्य कर्तव्य और जिम्मेदारियों का भी  उल्लेख किया गया है।
  • कीटनाशकों व अन्य रसायनों का विक्रय से पहले सक्षम प्राधिकारी से लाइसेंस अवश्य प्राप्त कर लें।
  • कीटनाशकों को बेचने पर पूरा रिकॉर्ड एक पुस्तिका में दर्ज करें।
  • वितरक यदि सल्फर की बिक्री कर रहा है तो उसका बिक्री का विवरण पुस्तिका में दर्ज करें। चोरी होने पर पुलिस व कृषि विभाग को अवश्य सूचित करें।
  • वितरक को चाहिए कि वह उचित बिल इन्वॉयस के साथ ही अपने उत्पादों की बिक्री करें।
  • हर वितरक को चाहिए कि वह अपने लाइसेंस की प्रति विक्रय परिसर में  विशिष्ट स्थान पर प्रदर्शित करें।
  • सभी वितरकों को चाहिए कि दैनिक आधार पर विक्रय की गई कीटनाशकों के रसायनों का ब्यौरा वह एक पुस्तिका में अंकित करें
  • कीटनाशक अधिनियम के तहत यह अत्यधिक जरूरी है कि हमेशा कीटनाशक/रसायनों को निर्माता की मूल पैकिंग में ही बेचें।
  • वितरकों को कीटनाशक/रसायन बेचते समय खरीददार को उनका पूरा विवरण जैसे कीटनाशक की क्षमता, जहरीलापन, एम.आर.एल व अन्य रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जरूर बताएं ताकि उस से होने वाले प्रदूषण के खतरों से बचा जा सके।
  • कीटनाशक बेचते समय खरीददार को उचित बिल/इन्वॉयस जरूर दें तथा उसमें बैच संख्या व समाप्ति की तिथि अवश्य डालें।
  • वितरकों को चाहिए कि वह माहवार बेची गई कीटनाशकों व रसायनों का विवरण अपने लाइसेंस अधिकारी को महीने के समापन से 15 दिन तक जरूर उपलब्ध करवाएं।
  • सभी वितरण उपलब्ध कीटनाशक रसायनों की सूची व मूल्य दर बिक्री की सूची परिसर में जरूर लगाएं।
  • घटिया नकली और कम मानक वाले कीटनाशक व अन्य रसायनों की बिक्री, स्टॉकिंग, वितरण से बचें क्योंकि यह दंडनीय अपराध है।
  • कभी भी खरीददार को अधिक स्टॉकिंग पर ज्यादा खरीद के लिए प्रोत्साहित ना करें।
  • कोई भी कीटनाशक या रसायन का आयात केवल वैध प्रमाण पत्र या पंजीकृत के बाद ही करें।
  • किसी भी हालत में क्षतिग्रस्त व रिसाव वाले कीटनाशक/ रसायन वाले डिब्बे ना दें।
  • कभी भी उन कीटनाशकों/ रसायनों का विक्रय ना करें जो लेवल नहीं की गई है और विदेशी भाषा में लेवल की गई हैं।
  • कीटनाशकों/रसायनों का उनकी समाप्ति के बाद बिक्री ना करें।
  • एक वितरक का यह भी दायित्व बनता है कि वह अपने उत्पादों की डिलीवरी तुरंत व कम से कम समय में सुनिश्चित करें।
  • वितरक यह भी सुनिश्चित करें कि नकदी या क्रेडिट मेमो जारी करना और रजिस्टर खातों और रिकॉर्ड की पुस्तिका को पूरा करना व रखरखाव सही ढंग से होना चाहिए।
  • सभी वितरकों को यह भी फर्ज है कि भारत सरकार के सुरक्षित अन्न उत्पादन से जुड़े तथा देशवासियों के स्वास्थ्य और वातावरण सुरक्षित रखने में अपना भरपूर योगदान दें।
पेस्टिसाइड निर्माताओं के कर्तव्य व जिम्मेदारियां 
  • कीटनाशक, निर्माणकर्ता, कीटनाशकों को फॉम्र्युलेट कर सकता है तथा बाहर से आयात किए हुए तकनीकी सक्रिय घटक की दोबारा से पैकिंग कर सकता है तथा इनका भी देशवासियों के स्वास्थ्य पक्षी, जंगली जानवर, जलीय जीव जंतु व पर्यावरण को सुरक्षित रखने में एक अहम योगदान है। आपको ज्ञात होगा कि जिन भी कीटनाशकों, खरपतवारनाशियों, फफूंदनाशियों व अन्य रसायनों का निर्माण हो रहा है उनके उपयोग दर भी बहुत कम है तथा उनके अवशेष भी मिट्टी पानी मानव शरीर में जल्दी ही टूट कर खत्म हो जाते हैं।
  • यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी कीटनाशक या अन्य रसायनों का विनिर्माण करना चाहता है तो उसे निर्माता का लाइसेंस लेना जरूरी है।
  • विनिर्माणकर्ता का यह फर्ज है कि वह अपने उत्पाद के बारे में वितरक, डीलर, खुदरा वितरकों को प्रशिक्षित करें तथा बताएं कि यह उत्पाद किन-किन हालातों में अच्छे परिणाम देता है तथा सुरक्षा हेतु किन-किन सावधानियों का पालन करना पड़ेगा।
  • जितने भी कर्मचारी नियुक्त करें वह निर्माण में निपुण हो तथा सभी की प्राथमिक चिकित्सा  अवश्य करवा लें, समय-समय पर भी उनकी सुरक्षा हेतु चिकित्सा करवाना अत्यंत जरूरी है।
  • यदि कोई भी सक्रिय घटक बाहर से आयात करना पड़े तो संबंधित अधिकारियों से वैद्य प्रमाण पत्र हासिल कर लें तथा नए उत्पादों का पंजीकृत भी अवश्य करवा लें।
  • कीटनाशक व अन्य रसायन का निर्माण उसी मकसद से करें जिस उद्देश्य हेतु इनका पंजीकरण किया गया है।
  • निर्माण कर्ताओं को हमेशा कीटनाशक/ रसायन फॉर्मूलेशन में ही उपलब्ध करवाने चाहिए ताकि वह सीधे तौर पर प्रयुक्त किया जा सके।
  • निर्माणकर्ता को कीटनाशकों अन्य रसायनों की पैकिंग पर उसकी सुरक्षित हैंडलिंग व अन्य विवरण दिया जाना चाहिए।
  • पैकिंग इस प्रकार की हो जो कि पानी, आग से प्रभावित ना हो तथा जो प्रयोग करने में भी आसान व सुलभ हो तथा पंजीकृत के नियमों के अनुरूप हो।
  • कीटनाशकों के कंटेनर/ डिब्बों पर रजिस्ट्रेशन नंबर के अलावा और कोई निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए। उत्पाद हमेशा खुले हवादार, पक्के गोदाम में भंडारित होनी चाहिए तथा वहां पर पानी व आग बुझाने के संयंत्र का विशेष प्रबंध होना चाहिए।
  • निर्माणकर्ता यह भी सुनिश्चित कर लें की नगदी या क्रेडिट मेमो जारी करना रजिस्टर, खातों और रिकॉर्ड की पुस्तकों को पूरा करना है व उनका रखरखाव सही ढंग से होना चाहिए।

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