छत्तीसगढ़ में ’केलो है तो कल है’ के संकल्प के साथ केलो नदी संरक्षण महाभियान का आगाज
प्रशासन के साथ जनसहभागिता से होगा केलो संरक्षण का कार्य
8 अप्रैल 2023, रायगढ़ । छत्तीसगढ़ में ’केलो है तो कल है’ के संकल्प के साथ केलो नदी संरक्षण महाभियान का आगाज – कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर तैयार किए जिला प्रशासन के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ‘रायगढ़ की जीवनदायिनी केलो नदी के संरक्षण और संवर्धन’ का शुभारंभ हुआ। रायगढ़ जिले के अंतिम छोर में स्थित केलो नदी के उद्गम स्थल पहाड़ लुडेग से विधायक श्री चक्रधर सिंह सिदार व कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने अभियान की शुरुआत की। सीईओ जिला श्री अबिनाश मिश्रा भी इस दौरान मौजूद रहे। इस महाभियान के पहले चरण में नदी के शुरुआती 25 कि.मी.में काम किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत डीपीआर भी तैयार करवाया गया है। इसमें नदी के किनारे बसे 12 गांव भी शामिल हैं। शुभारंभ के मौके पर इन गांवों के सरपंच, उपसरपंच और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। शुभारंभ के मौके पर विधायक श्री चक्रधर सिंह सिदार ने कहा कि केलो नदी न सिर्फ लैलूंगा बल्कि पूरे रायगढ़ जिले की पहचान है। इसके पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए महाभियान की शुरुआत एक बेहद जरूरी पहल है। उन्होंने कहा प्रशासन के साथ जन सहभागिता से केलो नदी के संरक्षण के प्रयास को बल मिलेगा। उन्होंने तटवर्ती गांवों के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस अभियान में अपना शत-प्रतिशत सहयोग देने का संकल्प लें।
नदी किनारे बसे 12 गांवों के लिए बना माइक्रोप्लान
अभियान के पहले चरण में नदी के शुरुआती 25 कि.मी.का उपचार किया जाएगा। इसमें नदी किनारे बसे 12 गांवों में काम किया जाएगा। सभी गांवों के लिए अलग-अलग माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। केलो नदी के पुनरुद्धार के लिए वॉटरशेड के रिज टू वैली कांसेप्ट से काम किया जाएगा। इसमें चोटी पर नदी के उद्गम से लेकर नीचे की ओर जाने वाले नदी की लाइनिंग को जोड़ा जाएगा। इसमें पूरे क्षेत्र को ढलान के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा गया है। जिसमें बहाव को नियंत्रित करने तथा जल को स्टोर करने के लिए अलग-अलग उपाय किए जायेंगे।
केलो नदी का उद्गम पहाड़ लुड़ेग प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। पहाड़ लुडेग के सुरम्य वातावरण और भौगोलिक व ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि यहां पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी जिससे पहाड़ लुडेग जिले के पर्यटन मानचित्र पर जल्द अंकित हो। उन्होंने केलो नदी के उद्गम स्थल पर भी जरूरी निर्माण करने तथा वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए।
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