State News (राज्य कृषि समाचार)

सर्दियों के मौसम मे भेड़-बकरी की देखभाल एवं प्रबंधन

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13 दिसम्बर 2023, पोकरण: सर्दियों के मौसम मे भेड़-बकरी की देखभाल एवं प्रबंधन – कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण(राजस्थान ) द्वारा बड़ली मांडा ग्राम मे सर्दियों के मौसम मे भेड़-बकरी की देखभाल एवं प्रबंधन विषयक किसान चौपाल का आयोजन किया गया जिसमे 26 किसानों एवं ग्रामीण महिला कृषकों ने भाग लिया। जिले मे इस समय तापमान लगातार गिरता जा रहा है जिसमे खास तौर पर बकरी एवं भेड़  जैसे छोटे पशुओं का सर्दी में ठिठुरन बढ़ने से निमोनिया एवं अन्य  बीमारियों के प्रकोप की आशंका बढ़ हाती है।

केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ राम निवास ने बताया कि ठंड के मौसम मे भेड़ एवं बकरियों को बचाने के लिए संतुलित आहार के साथ उचित आवास एवं रोग प्रबंधन पर अधिक जोर देने के साथ समय पर टीकाकरण करवाकर बीमारियों से होने वाली आर्थिक जोखिम को कम किया जा सकता है। उन्होने बकरियों के साथ-साथ भेड़ों के शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए यह वर्ष का आदर्श समय होता है, इसलिए 100 से 250 ग्राम के अनुपात में बाजरे का दाना प्रदान करके बेहतर स्वास्थ्य होने की बात कही। आहार को हमेशा अधिक ऊर्जा के लिए तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि ठंड की स्थिति में शरीर के नि‍यमित तापमान में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा बकरियों को जूं, पिस्सू, किलनी से बचाने के लिए साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।कार्यक्रम मे सस्य वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास ने बताया कि सर्दियों में पशु बाड़े को जूट के बोरे से कवर करके रखें, ताकि ठंडी हवा अंदर नहीं आ सके। अधिक ठंड होने पर रात के समय पशुओं के ओढ़ने के लिए जूट के बोरे से पल्लियां बनाएं और हमेशा सुखी बिछावन का इस्तेमाल करें, धूप निकलने पर पशुओं को खुला छोड़ दें, जिससे उनके शरीर में रक्त का संचार बना रहे। बकरियों को गीला और सूखा दोनों तरह का चारा दिया जाना जरूरी है।

सर्दियों में बकरियां ज्यादा पानी नहीं पीती हैं, इसके परिणामस्वरूप उनके शरीर में पानी का स्तर कम हो सकता है इसलिए बकरियों को गर्म और साफ पानी दिन मे तीन बार अवश्य प्रदान करने से दूध का उत्पादन नहीं गिरता है।पशु बाड़े की साफ सफाई करके चूना और फिनायल का छिड़काव करें, जिससे इंफेक्शन फैलने का खतरा ना रहे। सर्दियों में बैक्टीरिया और वायरस फैलने का खतरा बना रहता है जिससे नवजात मेमनों दस्त और निमोनिया की शिकायत हो जाती है, कई बार इस समस्या से जूझने हुए मेमने मौत के मुंह में भी चले जाते हैं, इसलिए पशु विशेषज्ञों की सलाह पर बकरी और मेमना को कृमीनाशक दवाई पिलाएं। कार्यक्रम मे मोहम्मद खान, फजलदीन, वली मोहम्मद, अमजद, फातिमा, सबीना, जुबेदा  इत्यादि मौजूद रहे।

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