State News (राज्य कृषि समाचार)

खरीफ एमएसपी के लिए सीएसीपी करेगी मंथन

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फरवरी के पहले सप्ताह में बैठक भोपाल में

19 जनवरी 2024, भोपाल(अतुल सक्सेना): खरीफ एमएसपी के लिए सीएसीपी करेगी मंथन – किसी भी पार्टी की सरकार किसानों को साधे बिना न चल सकती है और न टिक सकती है। लगभग 14 करोड़ से अधिक किसानों के इस देश में अन्नदाता ही सरकार बनाते हैं और हटाते हैं। इसलिए इन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसी कारण आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) देश भर में बैठकें कर खरीफ 2024 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की सिफारिश करने की तैयारी में जुटा हुआ है। इसी के मद्देनजर अगले माह फरवरी के प्रथम सप्ताह में प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीएसीपी की बैठक 2 फरवरी को होने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की बैठक में मध्य क्षेत्र के तहत आने वाले राज्यों के कृषि अधिकारियों सहित प्रदेश के कृषि अधिकारी, प्रगतिशील कृषक  एवं प्रबुद्धजनों के शामिल होने की संभावना है।

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग प्रति वर्ष वस्तुओं के 6 समूहों जैसे कि खरीफ फसलों, गन्ना, रबी फसलों, ऑयल पाम, कच्चे जूट और कोपरा के लिए अलग-अलग मूल्य नीति रिपोर्ट के रूप में सरकार को अपने सुझाव प्रस्तुत करता है। आयोग किसानों को अपने उत्पाद के विपणन या फसलों के उत्पादकता स्तर को और बढ़ाने में आने वाली कई बाधाओं का आकलन करने के लिए राज्यों के दौरे भी करता है। इसके बाद आयोग अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देता है, जिन्हें निष्कर्षों के आधार पर सरकार को प्रस्तुत किया जाता है। इसके बाद सरकार सीएसीपी रिपोर्ट को सभी राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को उनकी आगे की सलाह और सुझावों के लिए भेजती है। फीडबैक प्राप्त करने के बाद, केंद्र सरकार के तहत आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति एमएसपी के मानदंडों और स्तरों और सीएसीपी द्वारा की गई अन्य सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेती है।

क्या है सीएसीपी

कृषि लागत और मूल्य आयोग सीएसीपी भारत सरकार के अधीन कृषि मंत्रालय का एक संलग्न कार्यालय है जो जनवरी 1965 में अस्तित्व में आया। कृषि लागत और मूल्य आयोग को पहले कृषि मूल्य आयोग के रूप में जाना जाता था और 1985 में इसका नाम बदलकर कृषि लागत और मूल्य आयोग कर दिया गया। सीएसीपी एक विशेषज्ञ निकाय है जो उत्पादन की लागत और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के रुझान जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्यों की सिफारिश करता है। हालाँकि, कृषि लागत और मूल्य आयोग के सुझाव सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है।

एमएसपी कैसे तय होता है ?

एमएसपी पर सिफारिशें करते समय आयोग विभिन्न चीजों का विश्लेषण करता है जैसे मांग और आपूर्ति, उत्पादन लागत, उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत का न्यूनतम मार्जिन, उस उत्पाद के उपभोक्ताओं पर एमएसपी का संभावित प्रभाव, बाजार मूल्य रुझान, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों, अंतर-फसल मूल्य समानता, कृषि और गैर-कृषि के बीच व्यापार की शर्तें आदि।

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