राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

21वीं पशुधन गणना (एलसी) के लिए संवेदीकरण बैठक नई दिल्ली में हुई

09 फरवरी 2024, नई दिल्ली: 21वीं पशुधन गणना (एलसी) के लिए संवेदीकरण बैठक नई दिल्ली में हुई – पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने आज नई दिल्ली में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी समिति के सदस्यों के साथ 21वीं पशुधन गणना के लिए संवेदीकरण बैठक की अध्यक्षता की। 21वीं पशुधन गणना के लिए आयोजित संवेदीकरण बैठक के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

 i. 21वें एलसी के मंतव्य को पूरा करने के लिए तैयार सर्वेक्षण कार्यक्रम पर चर्चा करना |

ii. 21वीं पशुधन गणना के लिए राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी विभाग की तैयारियों पर चर्चा और आकलन करना।

इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की अपर सचिव सुश्री वर्षा जोशी, पशुपालन आयुक्त सह टीसीडी अध्यक्ष डॉ. अभिजीत मित्रा, पशुपालन एवं मत्स्यपालन विभाग के सलाहकार (सांख्यिकी) श्री जगत हजारिका और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त, निदेशक और अन्य वरिष्ठ सदस्यों सहित एनएडी-एमओएसपीआई, पंचायती राज मंत्रालय के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

चूंकि पशुओं का नस्ल-वार डेटा एकत्र किया जाएगा, जिसे मद्देनजर रखते हुये आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) विभिन्न प्रजातियों के लिए राज्यव्यापी नवीनतम नस्ल सूची पेश करेगा और क्षेत्र में नस्ल की पहचान करने की तकनीक पर भी प्रकाश डालेगा।

पशुधन क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए पशुधन गणना से प्राप्त आंकड़ों के उपयोग के अलावा, इसका उपयोग सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (एनआईएफ) के लिए भी किया जाता है।

कैसे होगी गणना ?

पशुपालन सांख्यिकी नीति निर्माण के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की बुनियाद है। पशुपालन सांख्यिकी का प्रमुख स्रोत पशुधन गणना (एलसी) है। एलसी एक विशाल डोर-टू-डोर फील्ड ऑपरेशन है, जिसमें प्रत्येक घर से पालतू जानवरों और पक्षियों की वास्तविक गणना करके डेटा एकत्र किया जाता है, ताकि अंततः राष्ट्र की कुल पशुधन संपदा का आकलन किया जा सके। भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन सांख्यिकी तैयार करने के लिए 1919 से हर पांच साल में देश भर में पशुधन गणना आयोजित करता है। आखिरी पशुधन गणना, यानी 20वीं एलसी 2019 में आयोजित की गई थी।

21वीं एलसी 2024 में होने वाली है और सितंबर-दिसंबर, 2024 की अवधि के दौरान मोबाइल प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा डेटा को ऑनलाइन प्रसारित करने के साथ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी में आयोजित की जाएगी। गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी। यह गणना पशुओं की विभिन्न प्रजातियों (मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी) तथा पोल्ट्री पक्षियों (मुर्गी, बत्तख और अन्य पोल्ट्री पक्षी) से सम्बंधित है। ये सभी पशु-पक्षी घरों, घरेलू उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा पाले जाते हैं। इसके तहत इन विशेष स्थानों पर रखे जाने वाले पशु-पक्षियों की नस्लों, उनकी उम्र तथा उनके लिंग के आधार गणना की जाएगी।

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