राज्य कृषि समाचार (State News)

गेहूं उपार्जन के पंजीयन के लिये तीन प्रतियों में लगेगा सिकमीनामा का अनुबंध

07 फरवरी 2024, जबलपुर: गेहूं उपार्जन के पंजीयन के लिये तीन प्रतियों में लगेगा सिकमीनामा का अनुबंध – किसानों की आड़ में समर्थन मूल्य पर उपार्जन व्यवस्था का बिचौलियों द्वारा अनुचित लाभ उठाने के प्रयासों पर लगाम लगाने जिला प्रशासन द्वारा भू-बटाईदार हितों के  संरक्षण  अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक अनुबंध होने पर ही गेहूँ की खरीदी के लिये सिकमीनामा पर पंजीयन करने का निर्णय लिया गया है । इस बारे में कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा द्वारा तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर सिकमीनामा अनुबंध की प्रक्रिया से अवगत कराया गया है ।

दिशा निर्देश –  जारी दिशा निर्देशों  के अनुसार भूमि स्वामी और बटाईदार किसानों के बीच मध्यप्रदेश भू-बटाईदार के हितों के  संरक्षण  अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित प्रपत्र में  हुए  सिकमीनामा अनुबंध को ही गेहूं उपार्जन के पंजीयन हेतु मान्य किया जाये।  भूमि स्वामी और बटाईदार कृषक द्वारा यह अनुबंध तीन मूल प्रतियों में तैयार किया जाना होगा । भूमि स्वामी को अनुबंध की ये प्रतियां संबंधित पटवारी के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी । पटवारियों को अनुबंध पत्र में वर्णित भूमि का मिलान  संबंधित गांव के राजस्व अभिलेख से करना होगा । उन्हें अपने प्रभार वाले क्षेत्र के सभी गांवों के लिये अलग-अलग पंजी संधारित कर अनुबंध पत्रों को दर्ज भी करना होगा । राजस्व अभिलेखों से मिलान होने पर पंजी में दर्ज प्रविष्टि के क्रमांक एवं दिनांक को अनुबंध पत्र में दर्ज कर पटवारी को उन पर अपने हस्ताक्षर करने होंगे तथा इसके बाद  संबंधित  क्षेत्र के तहसीलदार या नायब तहसीलदार के समक्ष अनुबंध पत्र को अभिप्रमाणन हेतु प्रस्तुत करना होगा ।

अनुबंध पत्रों की प्रक्रिया – तहसीलदार या नायब तहसीलदार के न्यायालय में अनुबंध पत्रों को दर्ज करने अलग से पंजी संधारित की जायेगी । इस पंजी में ग्रामवार अलग-अलग पृष्ठ निर्धारित किये जायेंगे । तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार द्वारा अभिप्रमाणन के बाद अनुबंध की एक प्रति उनके न्यायालय में सुरक्षित रखी जायेगी । पटवारी को भी अनुबंध की छायाप्रति अपने पास रखनी होगी । जबकि तीन प्रतियों में  हुए  अनुबंध की दो प्रतियां भूमि स्वामी को वापस प्रदान की जायेंगी । भूमि स्वामी इनमें से एक प्रति बटाईदार किसान को प्रदान करेंगे । बटाईदार कृषक द्वारा समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन के पंजीयन के लिये यह प्रति सहकारी समितियों में स्थापित पंजीयन केंद्र को अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करनी होगी । पंजीयन केंद्र पर कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा अपलोड किया जाएगा । इसके बाद सिकमीनामा के आधार पर पंजीयन हेतु बंटाईदार कृषक द्वारा प्रस्तुत अनुबंध पत्र की इस प्रति का मिलान तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार न्यायालय में रखी प्रति से किया जायेगा और मिलान होने पर ही पंजीयन का सत्यापन किया जायेगा ।

सिकमीनामा पर गेहूं उपार्जन पंजीयन सिर्फ सहकारी संस्थाओं  में – जिला प्रशासन द्वारा बंटाईदार किसानों से भी आग्रह किया गया है कि उपार्जन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिये तय प्रक्रिया का पालन कर भूस्वामी के साथ सिकमीनामा का अनुबंध करें और उसके आधार पर ही समर्थन मूल्य पर गेहूं के विक्रय के लिये अपना पंजीयन करायें । किसानों से कहा गया है कि अनुबंध की यह प्रक्रिया उनके हित  में  है और इससे बिचौलिये या व्यवसायी द्वारा उपार्जन व्यवस्था का अनुचित लाभ नहीं उठाने के प्रयासों पर रोक लगाई जा सकेगी । जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बटाईदार या सिकमी पर खेती करने वाले किसानों का गेहूँ के उपार्जन के लिये पंजीयन केवल सहकारी साख समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं में ही किया जायेगा ।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Advertisements