ग्रामीण समाचार@ 5.00 PM: बिना केमिकल इस्तेमाल, करे प्राकृतिक खेती I बजट किसानो के लिए राहत I बैंक ऑफ इंडिया ने किसानो को दिया बड़ा तोफा I
नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक ग्राम की 10 बड़ी खबरें…
1.प्राकृतिक खेती से बिना केमिकल इस्तेमाल के बढ़ेगी खेतों की पैदावार: श्री चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लखनऊ में “प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “धरती मां को रसायनों से बचाने” के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें रसायन मुक्त खेती की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने देश के किसानों को अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी। पूरी खबर पढ़े….
2.क्या किसानों के लिए बजट राहत लाएगा ?
पिछले महीने राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन ने भारत में खेती की स्थिति के अनुमानित आँकड़े जारी किए. राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, खराब खरीफ फसल और रबी फसलों की कमजोर शुरुआती बुआई के कारण वित्त वर्ष 2024 में कृषि क्षेत्र में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो सात साल का निचला स्तर है। पूरी खबर पढ़े….
3.किसान दिवस पर बैंक ऑफ इंडिया ने शुरू की विशेष योजनाएं: किसानों के लिए बड़ा तोहफा
किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी अथक मेहनत हमारे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बैंक ऑफ इंडिया ने किसान दिवस मनाने की घोषणा की है। बैंक ऑफ इंडिया ने कृषि समुदाय को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं।पूरी खबर पढ़े….
4.बेंगलुरु में किसान को मॉल में प्रवेश से रोका, नगर निगम ने मॉल पर लगाया ताला
जीटी मॉल, जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बुजुर्ग किसान को धोती पहनने के कारण प्रवेश से वंचित कर दिया था, को गुरुवार को ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) द्वारा सील कर दिया गया है। मॉल पर 2023-24 के लिए कुल 1.8 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है। पूरी खबर पढ़े….
5.देश में धान, दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ा
देश में धान, दलहन-तिलहन के रकबे में गत वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। अब तक खरीफ की बुवाई 704 लाख 4 हजार हेक्टेयर में हो गई है जबकि गत वर्ष अब तक 680 लाख 36 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में बुवाई लगभग 24 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है। वहीं श्रीअन्न सह मोटे अनाजों की बुवाई में कमी आई है। पूरी खबर पढ़े….
6.राजस्थान कृषि इन्फ्रा मिशन: खेती की तारबंदी योजना से 50 हज़ार किसानों को लाभ
राजस्थान, जो अपनी विशाल भूमि और ऐतिहासिक किलों के लिए जाना जाता है, कृषि क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस राज्य की कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर है, लेकिन अनियमित वर्षा के कारण अक्सर सूखे की समस्या पैदा हो जाती है, जिससे फसल उत्पादन और किसानों की आय प्रभावित होती है। पूरी खबर पढ़े….
7.कलेक्टर कार्यालय में किसान का नाटकीय विरोध: ‘माफिया’ पर जमीन हड़पने का आरोप
मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक बुजुर्ग किसान शंकरलाल पटीदार ने जिला कलेक्टर के कार्यालय में नाटकीय ढंग से अपनी जमीन बचाने की गुहार लगाई। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि शंकरलाल फर्श पर लोटते हुए अधिकारियों से पूछ रहे हैं, “अब हम क्या करें?” पूरी खबर पढ़े….
8.मॅकेरीना: फसलों में अजैविक तनाव का मुकाबला करने का एकमात्र समाधान
मॅकेरीना यूपीएल एस ए एस लि. कंपनी का एक उत्पाद है जो अजैविक तनाव का मुकाबला करने में मदद करता है। सोयाबीन, मूंगफली, दालें और सब्ज़ियाँ जैसी फसलें आमतौर पर सिंचाई की अनियमितता, अत्यधिक गर्मी या अन्य जलवायु परिस्थितियों जैसे अजैविक तनाव का सामना करती हैं। मॅकेरीना के इस्तेमाल से इन फसलों को अजैविक तनाव से लड़ने और बेहतर पैदावार देने में मदद मिल सकती है। सोयाबीन, मूंगफली, जीरा और अरहर/तूर, उड़द, मूंग आदि जैसी दालों के लिए मॅकेरीना की खुराक 250 मिली/एकड़ है। पूरी खबर पढ़े….
9.किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी आवश्यक: कृषि विशेषज्ञ
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और एग्री इनपुट कंपनी धानुका एग्रीटेक ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करने के लिए सहयोग किया है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV), रायपुर में गत दिनों एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी। पूरी खबर पढ़े….
10.मूंग खरीदी में अव्यवस्था: किसान कांग्रेस ने उठाई आवाज
किसान कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री गजेंद्र सिंह सोलंकी ने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में मूंग बेचने वाले किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को मूंग बेचे 6 दिन हो चुके हैं, लेकिन उनके बिल अभी तक नहीं बने हैं। पोर्टल बंद होने के कारण न तो बिल बन पा रहे हैं और न ही प्लेट कांटे से तुलाई हो रही है। पूरी खबर पढ़े….