प्राकृतिक खेती से बिना केमिकल इस्तेमाल के बढ़ेगी खेतों की पैदावार: श्री चौहान
लखनऊ में प्राकृतिक खेती पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन: किसानों को मिलेगी सब्सिडी
20 जुलाई 2024, लखनऊ: प्राकृतिक खेती से बिना केमिकल इस्तेमाल के बढ़ेगी खेतों की पैदावार: श्री चौहान – केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लखनऊ में “प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “धरती मां को रसायनों से बचाने” के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें रसायन मुक्त खेती की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। उन्होंने देश के किसानों को अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी।
श्री चौहान ने घोषणा की कि जो किसान प्राकृतिक खेती के शुरुआती तीन सालों में पैदावार कम होने की स्थिति का सामना करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाए गए अनाज, फल और सब्जियों की बिक्री से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिलेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती के अध्ययन और शोध के लिए प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी, जिससे इस खेती को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही, एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर इस पद्धति का प्रचार कर सकें।
गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं और इस अंतर को समझना जरूरी है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में पानी की कम जरूरत होती है और यह किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब सरकार प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ गई है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सभी छह कृषि विश्वविद्यालयों को प्रमाणन प्रयोगशालाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय, 89 कृषि विज्ञान केंद्र और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
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