सीओई में किए तकनीकी प्रदर्शनों को गांवों में प्रचारित करे
डॉ. लिखी ने किया पुणे में सब्जियों के लिए स्थापित उत्कृष्टता केंद्र का दौरा
30 अगस्त 2022, नई दिल्ली: सीओई में किए तकनीकी प्रदर्शनों को गांवों में प्रचारित करे – .कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने महाराष्ट्र के पुणे स्थित बारामती में सब्जियों के लिए स्थापित भारतीय-डच उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ बातचीत भी की। डॉ. लिखी ने सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सीओई में किए जा रहे तकनीकी प्रदर्शनों को इसके आसपास के गांवों में व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए।
इस सीओई की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सब्जी उत्पादन के लिए एक प्रदर्शन केंद्र स्थापित करने के साथ क्षेत्र में विस्तार कार्यकर्ताओं व किसानों को उनके प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के जरिए तकनीकों का हस्तांतरण करना है। किसान और विस्तार कार्यकर्ताओं को सब्जी उत्पादन बढ़ाने व आपूर्ति श्रृंखला में इसके नुकसान को कम करने के लिए जरूरी उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जा रही है। इन तकनीकों में संरक्षित खेती, हाइड्रोपोनिक्स, उन्नत बीज व गुणवत्ता रोपण सामग्री, फर्टिगेशन (उर्वरक का बेहतर उपयोग), एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम), एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) अभ्यास और अच्छी कृषि पद्धतियां (जीएपी) आदि शामिल हैं।
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अब तक भारत-डच सहयोग के कुल 7 उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) को 4 राज्यों में मंजूरी दी गई है। इनमें से 2 केंद्र महाराष्ट्र में निर्मित हो चुके हैं और 5 का काम पूरा होने के विभिन्न चरणों में है। इनके अलावा 3 निजी सीओई भी हैं। ये सभी 10 केंद्र महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, केरल व कर्नाटक राज्यों में कार्यरत हैं और बागवानी फसलों, फलों, सब्जियों, आलू व फूलों पर अपना विशेष ध्यान दे रहे हैं। डॉ. लिखी ने केवीके बारामाती स्थित सीओई में डच ग्रीन हाउस का भी दौरा किया डॉ. लिखी ने बारामती स्थित केंद्र की गतिविधियों की भी समीक्षा की। इस दौरान सीओई के निदेशक ने उनके सामने एक विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम कर रहे सभी 10 सीओई व एग्री स्टार्ट-अप्स ने लेन-देन की लागत में कटौती करने और फल व सब्जियां उत्पादित करने वाले किसानों के लिए बेहतर बाजार संबंध बनाने को लेकर उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे नवाचार और तकनीकों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इस बातचीत में मंत्रालय के अधिकारी, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के अधिकारी, सभी सीओई के निदेशक, बागवानी के लिए आईसीएआर राज्य बागवानी के 23 राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्रों के निदेशक और अन्य हितधारक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
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