राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: मूंग खरीदी I मौसम पूर्वानुमान I PM आवास योजना I एक पेड़ मां के नाम अभियान

06 जून 2025, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें….

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1. मध्य प्रदेश सरकार ने मूंग की खरीदी से किया इनकार, खरपतवारनाशकों के उपयोग को बताया मुख्य कारण

मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025–26 विपणन सत्र के लिए मूंग की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी नहीं करने का निर्णय लिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूंग की बंपर फसल हुई है और किसान सरकार से खरीदी की अपेक्षा कर रहे थे। पूरी खबर पढ़े….

2. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने वर्ष 2025 में दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) के लिए अपना दीर्घकालिक पूर्वानुमान, जून 2025 के लिए मासिक वर्षा और तापमान के पूर्वानुमान के साथ-साथ, जारी किया है। पूर्वानुमान के अनुसार, देशभर में कुल मौसमी वर्षा दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत होने की संभावना है, जिसमें 4 प्रतिशत की कमी या अधिकता हो सकती है, पूरी खबर पढ़े….

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3. थोक, खुदरा विक्रेताओं पर गेहूं की स्टॉक सीमा लगी

केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक गेहूं के स्टॉक पर स्टॉक सीमा लागू कर दी है। आदेश के बाद व्यापारी और थोक विक्रेता तीन हजार टन तक गेहूं का स्टॉक रखते सकते हैं। वहीं, खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन है। रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और सरकारी खरीद को गिनाते हुए गेहूं प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यापारियों ने इस फैसले की आलोचना की है। पूरी खबर पढ़े….

4. पीएम आवास योजना के तहत हर एक गरीब के पक्के घर का सपना होगा साकार: शिवराज सिंह चौहान  

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पुणे के बालेवाड़ी में एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया. जिसके अंतर्गत प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत हर एक गरीब को पक्का मकान देने का वादा किया है. इस कार्यक्रम के अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, ग्रामीण विकास मंत्री जय कुमार गोरे, राज्यमंत्री योगेश कदम और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे. पूरी खबर पढ़े….

5. छुरी किसानों पर ही गिरी: ज़ायद मूंग की MSP पर खरीदी न होने की पीड़ा

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मध्यप्रदेश के लाखों किसानों के लिए वर्ष 2025 की ज़ायद मूंग की फसल निराशा लेकर आई है। लगभग 14-15 लाख हेक्टेयर भूमि में बोई गई जिसका कुल उत्पादन लगभग 20 लाख मेट्रिक टन होता है, इस फसल को अब वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिलेगा, जिसकी उम्मीद में किसानों ने पसीना बहाया था। पूरी खबर पढ़े….

6. महाराष्ट्र के लिए मौसम अपडेट: 7 जून 2025 तक बारिश, आंधी और तेज हवाएं संभावित

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, महाराष्ट्र के कोकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं (30–40 किमी/घंटा) चलने की संभावना है। यह स्थिति 7 जून 2025 तक बनी रह सकती है। पूरी खबर पढ़े….

7. विश्व पर्यावरण दिवस पर के अवसर पर “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत संस्थाओं में हुआ पौधारोपण 

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर की स्वास्थ्य संस्थाओं में पौधारोपण किया गया. एवं मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय भोपाल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली गई. पूरी खबर पढ़े….

8. क्या मध्य प्रदेश सरकार इस बार सच में मूंग नहीं खरीदेगी? जानिए पूरा मामला

क्या इस बार मूंग उगाने वाले किसानों को अपनी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलेगा? क्या सरकार सच में मूंग की खरीद नहीं करेगी? इस सवाल ने प्रदेश भर के लाखों किसानों को चिंता में डाल दिया है। सरकारी सूत्रों की बजाय कृषक जगत द्वारा पूछे गए सवाल पर अशोक वर्णवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त, ने साफ तौर पर कहा कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार मूंग की सरकारी खरीद नहीं करेगी। पूरी खबर पढ़े….

9. Kharif MSP 2025: मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें मूंग और सोयाबीन के एमएसपी में बढ़ोतरी

 खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है. इस बार मूंग और सोयाबीन जैसी मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है, जिसका असर राज्य के लाखों किसानों पर पड़ने की संभावना है. हालांकि यह देखना बाकी है कि इस बढ़ोतरी का व्यावहारिक लाभ मंडियों में किसानों को कितना मिलेगा. पूरी खबर पढ़े….

10. अण्डे उत्पादन हेतु छोटे स्तर पर मुर्गीपालन

पिछले एक दशक में मुर्गीपालन का व्यवसाय काफी उभर कर आया है। आमतौर पर गांवों तक सिमटे इस व्यवसाय ने अपने पैर शहरी क्षेत्रों तक जमा लिये हैं और नवयुवकों का एक विशाल समुदाय इस पेशे की ओर आकृष्ट हुआ है। इसके कारण स्पष्ट है, कम पूंजी लगाकर भी ज्यादा शुद्ध आय, मुर्गीपालन हेतु किसी विशेष शिक्षा की आवश्यकता ना होना, पूरी खबर पढ़े….

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