फसल की खेती (Crop Cultivation)

Kharif MSP 2025: मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें मूंग और सोयाबीन के एमएसपी में बढ़ोतरी

02 जून 2025, नई दिल्ली: Kharif MSP 2025: मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलें मूंग और सोयाबीन के एमएसपी में बढ़ोतरी – खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है. इस बार मूंग और सोयाबीन जैसी मध्य प्रदेश की प्रमुख फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है, जिसका असर राज्य के लाखों किसानों पर पड़ने की संभावना है. हालांकि यह देखना बाकी है कि इस बढ़ोतरी का व्यावहारिक लाभ मंडियों में किसानों को कितना मिलेगा.

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में 14 खरीफ फसलों के नए एमएसपी को मंजूरी दी गई. सरकार का दावा है कि इससे किसानों को उनकी लागत पर उचित लाभ सुनिश्चित किया जा सकेगा.

मूंग के एमएसपी में मामूली बढ़त

मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर बोई जाने वाली दलहन फसल मूंग का एमएसपी 2024-25 में 8682 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ाकर 2025-26 के लिए 8768 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. यह मात्र 86 रुपये की वृद्धि है, जो लगभग 1 प्रतिशत के करीब है. मूंग की अनुमानित उत्पादन लागत 5845 रुपये प्रति क्विंटल आंकी गई है, जिस पर सरकार 50 प्रतिशत लाभ देने का दावा कर रही है.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
मूंग4500719672757755855886828768584550

सोयाबीन पर किसानों की नजर

राज्य की एक और प्रमुख फसल सोयाबीन के एमएसपी को 4892 रुपये से बढ़ाकर 5328 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. यह 436 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी अधिक मानी जा सकती है. सरकार के अनुसार, सोयाबीन की अनुमानित लागत 3552 रुपये प्रति क्विंटल है, जिस पर 50 प्रतिशत लाभ मार्जिन जोड़ा गया है.

फसल2013-142020-212021-222022-232023-242024-252025-26लागत KMS 2025-26लागत पर मार्जिन (%)
सोयाबीन2560388039504300460048925328355250

तिलहन और दलहन को बढ़ावा देने की कोशिश

मध्य प्रदेश कृषि उत्पादन में देश के प्रमुख राज्यों में से एक है, जहां मूंग और सोयाबीन की खेती व्यापक पैमाने पर होती है. मूंग एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है, जिसे खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाया जाता है. यह फसल किसानों को त्वरित आर्थिक लाभ प्रदान करती है क्योंकि इसकी फसल अवधि छोटी होती है. सोयाबीन, दूसरी ओर, एक तेलहन फसल है जो मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसकी उच्च तेल और प्रोटीन सामग्री के कारण इसका व्यावसायिक महत्व भी अधिक है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते कुछ वर्षों से सरकार पोषक अनाज, दालों और तिलहनों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनके MSP में बढ़ोतरी कर रही है. मूंग, उड़द, अरहर, सोयाबीन, सूरजमुखी जैसे उत्पादों के समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी इसका संकेत मानी जा रही है.

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