कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: किसान समस्या I किसान आंदोलन I मत्स्य समिति I कृषि यंत्र I कोनिका I जलवायु परिवर्तन
27 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…
1. डॉ. मनमोहन सिंह ने किसानों की समस्याओं को दलगत राजनीति से ऊपर रखा: शिवराज सिंह
2014 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था, “इतिहास मेरे प्रति मीडिया से अधिक दयालु होगा।” उस समय उनके कार्यकाल के दौरान कई घोटालों और आरोपों ने उन्हें घेर रखा था, साथ ही व्यक्तिगत हमले भी हो रहे थे। पूरी खबर पढ़े….
2. किसान आंदोलन: किसान क्यों उठा रहे हैं भूमि अधिग्रहण कानून के सही क्रियान्वयन का मुद्दा?
पंजाब और हरियाणा के किसान फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देना और अन्य दर्जनभर मुद्दे शामिल हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांगों में से एक है भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करना। पूरी खबर पढ़े….
3. सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की नई पहल: 10,000 PACS, डेयरी और मत्स्य समितियों का गठन
देश में सहकारिता को बढ़ावा देने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया। यह पहल सहकारी ढांचे को मजबूत करने और पंचायत स्तर तक सहकारिता की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। पूरी खबर पढ़े….
4. प्रधानमंत्री आवास योजना: महाराष्ट्र में 13 लाख नए मकान, जानें पूरी योजना
भारत में हर साल 23 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर किसानों और ग्रामीण विकास को लेकर नई योजनाओं और उपलब्धियों का जायजा लिया जाता है। इस वर्ष, पुणे स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) में ‘किसान सम्मान दिवस’ और ‘किसान एवं ग्रामीण विकास लाभार्थी सम्मेलन’ का आयोजन हुआ। पूरी खबर पढ़े….
5. मनरेगा में सुधार के लिए विचार-मंथन: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने उठाए बड़े कदम
ग्रामीण भारत के विकास और रोजगार की स्थिरता के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विचार-मंथन सत्र आयोजित किया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्यों के कमिश्नरों, मनरेगा वर्कर्स, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और जमीनी स्तर के अधिकारियों ने अपने सुझाव और अनुभव साझा किए। पूरी खबर पढ़े….
6. कृषि यंत्रों की आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाया
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत हाल ही में चाफ कटर एवं रिजर सहित 5 अन्य कृषि यंत्रों पर आवेदन आमंत्रित किए थे।जिसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 26 दिसंबर रखी थी। पूरी खबर पढ़े….
7. निर्भय त्यागी का इसरो में वैज्ञानिक पद पर चयन
कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन में पदस्थ डॉ. एस. के. त्यागी वैज्ञानिक (उद्यान विज्ञान) के पुत्र श्री निर्भय त्यागी का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) में वैज्ञानिक के पद पर हुआ है। निर्भय त्यागी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम से बी.टेक. (इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग) से करने के बाद इन्होंने एमएस की डिग्री कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, अमेरिका से की है। पूरी खबर पढ़े….
8. फफूंदनाशक और जीवाणुनाशक दोनों की शक्ति एक साथ, धानुका का कोनिका
मैं भारतलाल चौधरी ग्राम करडिया, तहसील बड़नगर, जिला उज्जैन का निवासी हूँ। मेरा मुख्म कार्य खेती है। मेरे पास 26 एकड़ सिंचित जमीन है। जिस पर मैं कुछ जमीन पर प्याज की खेती करता हूँ। में पिछले कई सालों से अपनी प्याज की फसल में धानुका कंपनी का फफूंदीनाशक एवं जीवाणुनाशक दवा कोनिका का इस्तेमाल कर रहा हैं। उसी तरह मैंने पिछले वर्ष भी धानुका का उत्पाद कोनिका अपनी प्याज की नर्सरी में दो बार उपयोग किया था। जिसका मुझे बहुत अच्छा परिणाम प्राप्त हुआ। पूरी खबर पढ़े….
9. जलवायु परिवर्तन के दौर में पारंपरिक किस्मों की अहमियत पर जोर, नई दिल्ली में कार्यशाला आयोजित
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों के बीच कृषि और बागवानी की पारंपरिक किस्मों को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए एक बहु-हितधारक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, ओडिशा सहित 10 राज्यों के किसान, बीज रक्षक और विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यशाला का उद्देश्य वर्षा आधारित क्षेत्रों में पारंपरिक किस्मों की उपयोगिता पर चर्चा करना और इन किस्मों को बाजार और नीति-निर्माण से जोड़ने के उपाय तलाशना था। पूरी खबर पढ़े….
10. ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन: उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को 15वें वित्त आयोग से मिला बड़ा अनुदान
ग्रामीण भारत में विकास को नई दिशा देने और स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने की दिशा में 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है। भारत में पंचायती राज संस्थाएं (पीआरआई) लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। पूरी खबर पढ़े….