जानिए भारत में कितने प्रतिशत कूटनामी कीटनाशक बिकता है
- (निमिष गंगराड़े )
28 अप्रैल 2022, नई दिल्ली । जानिए भारत में कितने प्रतिशत कूटनामी कीटनाशक बिकता है – अगले पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र की संभावित वृद्धि और 2025 तक भारत के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को साकार करने के लिए कृषि रसायन उद्योग की अहम् भूमिका होगी।
भारत में 200 से अधिक संयोजन कीटनाशक और 80 जैव कीटनाशक पंजीकृत हैं। गलत ब्रांडेड कीटनाशक की आपूर्ति भारत सरकार के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है और यह सीधे देश के कृषि उत्पादन लक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है।
भारतीय बाजारों में नकली कीटनाशकों की मौजूदगी को उजागर करने वाली कई रिपोर्टें आई हैं। कृषक जगत द्वारा अध्ययन किए गए पिछले 5-7 वर्षों में सामने आई कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कुछ बाजारों में मात्रा के हिसाब से नकली कीटनाशकों की हिस्सेदारी 30% थी। रिपोर्ट में नकली, गलत ब्रांडेड, घटिया, गैर-वास्तविक और अवैध कीटनाशकों जैसे विभिन्न शब्दों का उपयोग किया गया है।परन्तु कीटनाशक अधिनियम क्या कहता है जानिये इस लेख के माध्यम से –
कूटनामी (मिसब्रांडेड) कीटनाशक
भारत का कीटनाशक अधिनियम भ्रामक या अनुपलब्ध लेबल सामग्री (पंजीकरण संख्या, प्रतिनिधि विवरण, डिज़ाइन/ग्राफिक्स और चेतावनी) वाले उत्पाद को परिभाषित करने के लिए “कूटनामी” शब्द का उपयोग करता है। इसमें ऐसे उत्पाद शामिल हैं जो मौजूदा कीटनाशक के नाम से नकल करते हैं या बेचे जाते हैं। कूटनामी शब्द उस कीटनाशक का भी प्रतिनिधित्व करता है जिसका विषाक्तता स्तर निर्धारित से अधिक है या किसी ऐसे पदार्थ के साथ मिश्रित या पैक किया गया है जो पंजीकरण में शामिल नहीं है।
राज्य सरकारों को पिछले चार वर्षों (2018-22) में गलत ब्रांडेड कीटनाशकों की आपूर्ति से संबंधित कुल 30 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। वर्ष 2021-22 में गलत ब्रांडेड कीटनाशकों की आपूर्ति से संबंधित कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। नीचे दी गई तालिका दर्ज की गई शिकायतों की राज्य और वर्षवार गणना दर्शाती है।
पिछले 4 वर्षों के दौरान गलत ब्रांडेड कीटनाशकों की सप्लाई की शिकायतें
क्रमांक |
राज्य |
2018-19 |
2019-20 |
2020-21 |
2021-22 |
कुल |
1 |
महाराष्ट्र |
2 |
2 |
3 |
3 |
10 |
2 |
गुजरात |
1 |
0 |
1 |
0 |
2 |
3 |
उत्तर प्रदेश |
1 |
0 |
0 |
1 |
2 |
4 |
हरियाणा |
1 |
4 |
0 |
2 |
7 |
5 |
दिल्ली |
0 |
2 |
0 |
3 |
5 |
6 |
तमिलनाडु |
0 |
0 |
1 |
1 |
2 |
7 |
हिमाचल प्रदेश |
0 |
0 |
1 |
0 |
1 |
8 |
कर्नाटक |
0 |
0 |
0 |
1 |
1 |
कुल |
5 |
8 |
6 |
11 |
30 |
स्रोत: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
कीटनाशक अधिनियम, 1968 के अनुसार, कीटनाशक निरीक्षकों की नियुक्ति केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा परिसरों की तलाशी लेने, दस्तावेजों को जब्त करने, कीटनाशकों के वितरण या बिक्री को रोकने और विश्लेषण के लिए कीटनाशक के नमूने लेने के लिए की जाती है। तकनीकी विश्लेषण केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त कीटनाशक विश्लेषकों द्वारा किया जाता है।
भारत में गुणवत्ता नियंत्रण की जिम्मेदारी
वर्तमान में, केंद्र सरकार के 191 अधिकारियों और राज्य सरकार के 11 हज़ार अधिकारियों को कीटनाशक निरीक्षकों के रूप में अधिसूचित किया गया है ताकि वे निर्माता फर्मों / बिक्री के स्थान आदि के निरीक्षण के माध्यम से किसानों को बेचे जाने वाले कीटनाशकों की गुणवत्ता की जांच कर सकें। गुणवत्ता युक्त कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, 70 कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाएं (एसपीटीएल) और 6 राज्य जैव-कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाएं (एसबीटीएल) 25 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित हैं, जिनकी कुल वार्षिक क्षमता 77,660 नमूनों का परीक्षण करने की है।
पिछले 4 वर्षों में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए एकत्र किए गए नमूनों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर निष्कर्ष निकाला गया कि केवल 2.52% नमूनों को कूटनामी या मिस ब्रांडेड के रूप में रिपोर्ट किया गया था। 2021-22 की अवधि (दिसंबर 2022 तक एकत्र किए गए नमूने) के लिए, विश्लेषण किए गए कुल नमूने 53,181 थे, जिनमें से 1,530 कूटनामी पाए गए। नीचे दिए गए चार्ट में आंकड़े मिस ब्रांडेड उत्पादों का प्रतिशत, दर्ज मुकदमों की संख्या और दोषी ठहराए गए की संख्या को दर्शाता है।
तालिका पिछले 4 वर्षों के दौरान राज्य कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशाला में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए नमूनों का विश्लेषण दिखाती है-
क्रमांक |
नमूनों की संख्या |
नमूना विश्लेषण |
मिसब्रांडेड पाया गया |
मिसब्रांडेड प्रतिशत |
अभियोजन शुरू |
आरोपित दोषी |
1 |
अवधि 2018-19 |
68,257 |
1,753 |
2.57% |
1,191 |
14 |
2 |
अवधि 2019-20 |
70,367 |
1,810 |
2.57% |
627 |
43 |
3 |
अवधि 2020-21 |
55,377 |
1,142 |
2.06% |
317 |
26 |
4 |
अवधि 2021-22 |
53,181 |
1,530 |
2.88% |
333 |
13 |
कुल |
2,47,182 |
6,235 |
2.52% |
2,468 |
96 |
स्रोत: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
मिस ब्रांडेड पर सजा
‘कूटनामी’ कीटनाशकों के आयात, निर्माण या बिक्री से संबंधित अपराधों में दो साल तक की कैद और/या 10,000 से 50,000 रुपये के बीच जुर्माना हो सकता है।
पिछले 4 वर्षों में विश्लेषण किए गए नमूनों की कुल संख्या पर एक नज़र डालें, तो औसत मूल्य 60 हजार नमूनों से कुछ अधिक है। पिछले दो वर्षों में विश्लेषण किए गए कुल नमूनों का मूल्य घटकर 4 साल के औसत से भी कम हो गया है।कम सैंपलिंग का कारण कोविड नियम हो सकते हैं जो पूरे भारत में गतिविधियों और आवाजाही को प्रतिबंधित कर रहे थे।
बाजार में कूटनामी कीटनाशकों की बिक्री होती है इस बात में कोई संदेह नहीं है, लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम है। हालांकि, यह निश्चित नहीं है कि परीक्षण बढ़ने पर गलत ब्रांडेड कीटनाशकों का प्रतिशत बढ़ेगा या नहीं। वर्ष 2021-22 (दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार ) में बाजार में बेचे जाने वाले कीटनाशकों में केवल 2.88% कूटनामी या मिस ब्रांडेड कीटनाशक हैं l।
सरकार को प्रयोगशालाओं की वार्षिक परीक्षण क्षमता और नमूना जाँच को कई गुना बढ़ाने की आवश्यकता है जो भारत में 12 करोड़ से अधिक किसानों के लिए गुणवत्ता वाले उत्पादों को उपलब्ध बनाए रखने में मदद करेगा। इससे भारत की कृषि उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता भी मजबूत होगी।
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