शीत भंडारण केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता
26 दिसम्बर 2023, नई दिल्ली: शीत भंडारण केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि खराब होने वाली बागवानी उपज को सुरक्षित रखने के लिए शीत भंडारण केंद्र की स्थापना के उद्देश्य से पिछले पांच वर्षों के दौरान राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी गई है।
नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज (नैबकॉन्स) द्वारा वर्ष 2015 में ‘ऑल इंडिया कोल्ड-चेन इंफ्रास्ट्रक्चर कैपेसिटी (एआईसीआईसी-2015)Ó पर किए गए अध्ययन के अनुसार, उस समय शीत भंडारण केंद्र की आवश्यक क्षमता 2014 में 318.23 लाख मीट्रिक टन की मौजूदा सामथ्र्य की तुलना में 351.00 लाख मीट्रिक टन थी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में देश के भीतर 394.17 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले 8653 शीत भंडारण केंद्र उपलब्ध हैं।
सरकार पूरे देश में जल्दी खराब होने वाली बागवानी उपज को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है, जिसके तहत कई प्रकार की वित्तीय सहायताएं उपलब्ध हैं। हालांकि, सरकार द्वारा कृषि/बागवानी उपज को नुकसान से बचाने के लिए शीत भंडारण केंद्र के अलावा, प्री-कूलिंग यूनिट, कोल्ड रूम, पैक हाउस, इंटीग्रेटेड पैक हाउस, प्रिजर्वेशन यूनिट, रीफर ट्रांसपोर्ट, राइपनिंग चैंबर आदि की स्थापना के लिए भी एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। चूंकि घटक मांग/उद्यमी द्वारा संचालित हैं, जिसके लिए क्रेडिट लिंक्ड बैक एंड सब्सिडी के रूप में सरकारी सहायता सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 प्रतिशत की दर पर उपलब्ध है।
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