राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

तापीय विद्युत् संयंत्रों में फसल अवशेष का उपयोग अनिवार्य किया

20 जुलाई 2023, नई दिल्ली: तापीय विद्युत् संयंत्रों में फसल अवशेष का उपयोग अनिवार्य किया – केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 11 जुलाई 2023 को कोयला आधारित तापीय विद्युत् संयंत्रों में फसल अवशेष के उपयोग की अनिवार्यता के प्रारूप की अधिसूचना भारतीय राजपत्र में  जारी की गई है। यह अधिसूचना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों पर लागू होगी। इसका उल्लंघन करने पर वायु क्वालिटी प्रबंध आयोग या उसके अधिकृत अधिकारी द्वारा वार्षिक आधार पर पर्यावरणीय प्रतिकर वसूला जाएगा।  

उल्लेखनीय है कि  केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली ने पर्यावरण ( संरक्षण ) अधिनियम 1986 (1986  का 29 ) की धारा 3 , 6 और धारा 25  द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए  विद्युत् संयंत्रों द्वारा फसल अवशेषों के उपयोग को विनियमित करने के लिए यह नया नियम बनाया है ,जिसके प्रारूप की अधिसूचना जारी की है। यह नियम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों  राजपत्र में प्रश्न की तारीख से लागू होगा। जो अब पर्यावरण (तापीय विद्युत् संयंत्रों द्वारा फसल अवशेषों का उपयोग) नियम 2023  कहलाएगा।

इसमें विद्युत् उत्पादन उपयोगिताओं से संबंधित सभी कोयला आधारित तापीय विद्युत् संयत्रों को कोयले के साथ अनिवार्य रूप से फसल अवशेषों से बने गुटिका (पेलेट्स ) या ब्रिकेटों के न्यूनतम 5 % मिश्रण का अनिवार्य रूप से उपयोग करना होगा। यह नियम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में लागू होगा।  इसका उल्लंघन करने पर वायु  क्वालिटी  प्रबंध आयोग या उसके अधिकृत अधिकारी द्वारा वार्षिक आधार पर पर्यावरणीय प्रतिकर निर्धारित 5 % से कम उपयोग किए जाने पर उत्पादित विद्युत् की प्रति यूनिट की दर अनुसार अलग -अलग  वसूला जाएगा। कतिपय मामलों में इन नियमों के लागू  होने  /शिथिलीकरण की शक्तियां बरक़रार रहेगी।

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