National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

कोल्ड चेन उद्योग खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण: श्री मनोज आहूजा

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21 जनवरी 2023, नई दिल्ली: कोल्ड चेन उद्योग खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण: श्री मनोज आहूजा – कृषि मंत्रालय ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के साथ नेशनल सेंटर फॉर कोल्ड चेन डेवलपमेंट (NCCD) के सहयोग से नई दिल्ली में “इंडिया कोल्ड चेन कॉन्क्लेव” के रूप में एक दिवसीय प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन किया।

इस सम्मेलन का आयोजन सभी हितधारकों को एक मंच पर एक साथ लाने के लिए किया गया था, जहां वे स्थायी तरीके से उद्योग के विकास के लिए विचारों और विचारों का योगदान कर सकते हैं और उपयुक्त तकनीकों के साथ फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के तरीकों का पता लगा सकते हैं। इस सम्मेलन के साथ-साथ कोल्ड चेन क्षेत्र में नवाचारों और उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने के लिए उद्योग  प्रतिनिधियों द्वारा एक प्रर्दशनी भी आयोजित की गई।

कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का उद्घाटन कृषि मंत्रालय  के सचिव श्री मनोज आहूजा ने किया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, खाद्य अपशिष्ट को कम करने और खराब होने वाले उत्पादों के शेल्फ लाइफ को बढ़ाने में कोल्ड चेन उद्योग के महत्व से  भली भांति अवगत  है। मंत्रालय ने इस क्षेत्र कोऔर अधिक बल देने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का व्यापक परिव्यय स्थापित किया है।

भारतीय कोल्ड चेन उद्योग की वृद्धि और विकास के लिए तकनीकी नवाचार महत्वपूर्ण है। एडवांस  रेफ्रिजरेशन और कूलिंग सिस्टम के आने के साथ, उद्योग अब बहुत कम तापमान पर सामानों को भण्डारण  और ट्रांसपोर्ट करने में सक्षम है, जो खराब होने वाले उत्पादों की  शेल्फ लाइफ को बढ़ाने में मदद करता है। इससे भारत से खराब होने वाले सामानों के निर्यात में वृद्धि हुई है, क्योंकि उत्पाद अब बेहतर स्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच सकते हैं।

कॉन्क्लेव के दौरान, कृषि मंत्रालय के बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में उत्पाद-विशिष्ट बागवानी समूहों को मंजूरी दी गई थी। इस अवसर पर, आहूजा जी ने पायलट चरण के लिए 12 चयनित समूहों में से पांच क्लस्टर – शोपियां (जम्मू और कश्मीर) में सेब, अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) में केला, नासिक (महाराष्ट्र) में अंगूर, महबूबनगर (तेलंगाना) में आम और पश्चिम जयंतिया हिल्स (मेघालय) में हल्दी के लिए स्वीकृति पत्र सौंपा।

संबंधित कार्यान्वयन एजेंसियों में अपनी क्लस्टर विकास एजेंसियों नामतः जेके एचपीएमसी, आंध्र प्रदेश बागवानी विकास एजेंसी, महाराष्ट्र राज्य बागवानी और औषधीय बोर्ड, तेलंगाना राज्य बागवानी विकास निगम लि. और मेघालय राज्य कृषि विपणन बोर्ड के माध्यम से एफआईएल इंडस्‍ट्रीज प्रा.लि., देसाई एग्रीफूड्स प्रा. लि., सह्याद्री फार्म पोस्ट-हार्वेस्ट केयर लि., प्रसाद सीड्स प्रा. लि. और मेघालय बेसिन मैनेजमेंट एजेंसी शामिल हैं। यह भी घोषणा की गई कि कच्छ और लखनऊ के लिए आम, सोलापुर और चित्रदुर्ग के लिए अनार, थेनी के लिए केला, किन्नौर के लिए सेब और सिपाहीजाला के लिए अनानास जैसे 7 अन्य पायलट क्लस्टरों के लिए आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।

अतिरिक्त सचिव (कृषि मंत्रालय) डॉ. अभिलक्ष लिखी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारतीय कोल्ड चेन उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है। इस वृध्दि के  कारण फलों, सब्जियों और मांस उत्पादों जैसे खराब होने वाले सामानों की बढ़ती मांग के साथ-साथ ई-कॉमर्स और ऑनलाइन किराना बिक्री में बढ़ोत्‍तरी है।  जैसे-जैसे भारत में इन सामानों की मांग बढ़ती जा रही है, सरकार खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड चेन उद्योग को सहयोग कर रही है।

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