मेघनगर में पांच उर्वरक कंपनियों के लायसेंस निलंबित
अनियमितताओं के चलते बिक्री पर रोक
इंदौर। गत दिनों इंदौर संभाग के संयुक्त संचालक कृषि द्वारा झाबुआ जिले के मेघनगर में उर्वरक कंपनियों का निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान यहां की पांच फर्मों में विभागीय नियमों का उल्लंघन और गंभीर अनियमितताएं पाई जाने पर उर्वरक की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई और जांच के बाद इनके लायसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इस बारे में उप संचालक कृषि झाबुआ श्री नगीन रावत ने कृषक जगत को बताया कि पिछले दिनों इंदौर संभाग के संयुक्त संचालक कृषि श्री आर.एस. सिसोदिया ने जिले के मेघनगर में उर्वरक कंपनियों बालाजी एग्रो ऑर्गेनिक्स एंड फर्टिलाइजर्स प्रा.लि., मोनी मिनरल्स एंड ग्राइंडर्स, रॉयल एग्रीटेक, त्रंबकेश्वर एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा. लि . और एग्रोफॉस इंडिया लि. का निरीक्षण किया था। इसके बाद विभाग ने संयुक्त संचालक कृषि के निर्देश पर इन कंपनियों के उर्वरकों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
अनियमितताओं का अम्बार: मिली जानकारी के अनुसार मेघनगर में उर्वरक निर्माण की इन इकाइयों का जब कृषि विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण किया था तो इन पांचों फर्मों में अनियमितताओं का अम्बार लगा मिला। एग्रोफॉस इंडिया लि. की इकाई में प्रयोगशाला बंद पाई गई थी। वहीं बालाजी एग्रो ऑर्गेनिक्स एंड फर्टि. प्रा. लि. की मेघनगर इकाई बंद मिली। मोनी मिनरल्स एंड ग्राइंडर्स की मेघनगर इकाई में मार्च 2018 से उर्वरक का निर्माण बंद पाया गया। जबकि रॉयल एग्रीटेक में जाँच हेतु प्रयोगशाला ही नहीं थी। निर्माण किए जा रहे बैग पर निर्माण तिथि, बैच नंबर और अधिकतम मूल्य भी अंकित नहीं था। त्रंबकेश्वर एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा. लि. में उर्वरक का निर्माण बंद मिला। परिसर में अन्य कम्पनी की सामग्री और यूरिया अनधिकृत रूप से रखा पाया गया। बड़ी संख्या में अनियमितताएं पाए जाने पर अंतत: विभाग ने इन सभी कंपनियों के लायसेंस निलंबित कर दानेदार एनपीके मिश्रित उर्वरकों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।