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डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन ने कृषि में जल के नवाचार के लिए 2.6 करोड़ रुपये का पुरस्कार रखा

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23 जून 2023, नई दिल्ली: डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन ने कृषि में जल के नवाचार के लिए 2.6 करोड़ रुपये का पुरस्कार रखा – नेशनल डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन और द/नज इंस्टीट्यूट के सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन ने 2.6 करोड़ के प्राइस चैलेंज की घोषणा की हैं। इसका उद्देश्य कृषि और पानी के कुशल उपयोग में नवाचार को बढ़ावा देना है। डीसीएम श्रीराम अगवाटर चैलेंज के तहत 2.6 करोड़ की पुरूरस्कार राशि में से प्रथम पुरूस्कार विजेता को 2 करोड़ रूपये दिए जायेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य तीन फाइनलिस्टों को कुल 60 लाख रूपये दिए जायेंगे। इसमें से फर्स्ट रनर अप को 30 लाख रूपये, सेंकेड रनर अप को 20 लाख रूपये और तीसरे स्थान वाले  को 10 लाख रूपये दिए जायेंगे।

डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन के अध्यक्ष अमन पन्नू ने चैलेंज की घोषणा करते हुए  कहा, “बड़े पैमाने पर पानी के संरक्षण के उद्देश्य से किए गए किसी भी प्रयास को कृषि की जरूरतों के साथ निकटता से जोड़ना चाहिए।” इसी को ध्यान में रखकर  डीसीएम श्रीराम अगवाटर चैलेंज को द/नज इंस्टीट्यूट एवं भारत सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर  के सहयोग से लॉन्च किया गया है। यह चैलेंज कृषि स्टार्टअप और सामाजिक उद्यमियों को इस जटिल समस्या के लिए विशेष रूप से छोटे किसानों को  ध्यान में रख कर  ठोस समाधान देने  के लिए आमंत्रित करती है।

भारत के भूजल का 80% उपयोग कृषि के लिए किया जाता है, लेकिन इसका 60%  उपयोग सही तरीके से नहीं होता है। पोषक तत्वों और उर्वरकों के गलत उपयोग के कारण असंतुलन और मिट्टी का क्षरण हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप पानी के उपयोग में अक्षमता, भूजल में गिरावट और फसल की पैदावार प्रभावित हुई है। दूसरी ओर पानी की कमी, मीठे पानी के संसाधनों का गैर-विवेकपूर्ण उपयोग, अस्थिर कृषि पद्धतियां, अनियमित वर्षा पर अत्यधिक निर्भरता और जलवायु परिवर्तन ने भारत में कृषि क्षेत्र को खतरे में डाल दिया हैं।

द नज प्राइज के निदेशक कनिष्क चटर्जी ने कहा, “हालांकि हाल के वर्षों में कृषि-जल समस्याओं को दूर करने वाले आकर्षक समाधानों में तेजी आई है, लेकिन छोटे और सीमांत किसानों के लिए किफायती और सुलभ मॉडल टिकाऊ नहीं है। भूजल पर उनकी निर्भरता भूमि उत्पादकता, मूल्य और बाजार जोखिमों की वजह से इस समस्या के समाधान की जरूरत हैं। डीसीएम श्रीराम अगवाटर चैलेंज एगटेक को इस गंभीर समस्या के लिए तेजी से नवाचार विकसित करने, प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करती है।

इस महत्वाकांक्षी चैलेंज के जरिये आवेदकों में से 15-20 असाधारण समाधानों के समूह की गहराई से  पहचान की जायेंगी। ऐसे आवेदकों की पहचान की जायेंगी, जो तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से छोटे किसानों के कृषि जल उपयोग में सुधार लाने पर काम कर रहे हैं । खासकर चावल, गेहूं, और गन्ने जैसे ज्यादा पानी दोहन करने वाले फसलों के लिए काम करने वाले आवेदकों पर ज्यादा ध्यान दिया जायेंगा। चयनित समूह को 12 महीनों के लिए सलाहकारों के एक विशिष्ट समूह द्वारा चुना जायेगा और उन्हें सहायता प्रदान की जायेंगी। इनमें प्रमुख कृषि निवेशक, नीति निर्माता, शिक्षाविद, डीसीएम श्रीराम, रिच तेलंगाना, मैनेज, सोशलअल्फा, टीआईएसएस, एक्यूमेन, थिंकएग, डॉटरटी वॉटर फॉर फूड ग्लोबल के विचारक शामिल होंगे।

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