उद्यानिकी (Horticulture)

हरी खाद से मिट्टी की सेहत सुधारी

जबलपुर। इफको जबलपुर कार्यालय ने मंडला, बालाघाट, सागर, सिवनी एवं नरसिंहपुर के खेतों की मिट्टी का खरीफ पर्व परीक्षण करवाया। मृदा परीक्षण से यह ज्ञात हुआ कि इन जिलों के खेतों की मिट्टियों में जीवांश की कमी है। जीवांश को भूमि में बरकरार रखने एवं मृदा की भौतिक संरचना में सुधार के लिए जबलपुर क्षेत्र के मंडला, बालाघाट, सागर, सिवनी एवं नरसिंहपुर जिलों में खरीफ 2015 में लगभग 157 एकड़ में किसानों के खेतों में इफको के अर्थ सहायता से भूमि पुनरोद्धार एवं कृषि उत्पादकता कार्यक्रम लिया गया। सनई की बुआई पश्चात रोटावेटर से फसल चक्रीकरण कर खेतों में लगभग 1570 टन बायोमास मिलाया गया जिससे भूमि में नत्रजन एवं पोटाश तत्व की वृद्धि हुई।
पिछले कुछ वर्षों से एक समस्या मुख्य रूप से देखी जा रही है कि जहां हार्वेस्टर द्वारा फसलों की कटाई होती है, उन खेतों में फसलों के तनों के अधिकांश भाग खड़े ही रह जाते हैं जिसे किसान जला कर नष्ट कर देते हैं। इससे लाभप्रद जीवाणु नष्ट होते हैं एवं जीवांश एवं आवश्यक पोषक तत्वों में कमी आ रही है।
जबलपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में किसानों को प्रोत्साहित कर विशेष परियोजना के रूप में जबलपुर क्षेत्र के विभिन्न जिलों में फसल अवशेष चक्रीकरण कार्यक्रम लेकर भूमि में जीवांश में वृद्धि के साथ-साथ भूमि की भौतिक संरचना में सुधार किया गया। इफको के इस नवाचार कार्यक्रम की कृषि विभाग ने सराहना की।

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