सफल जैविक खेती करने वाले उद्यमी किसान की कहानी
डॉ. दिलबाग सिंह एवं जितेन्द्र सिंह बामल; चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, सोनीपत हरियाणा
07 जुलाई 2023, सोनीपत: सफल जैविक खेती करने वाले उद्यमी किसान की कहानी – श्री भगवान सोनीपत जिले के गांव सिसाना के रहने वाले हैं। श्री भगवान एक प्रा. स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। अध्यापक के कार्य के साथ-साथ इन्होंने खेती में रुचि लेनी शुरू की। परम्परागत खेती करने में श्री भगवान का रुझान नहीं था। श्री भगवान में वर्ष 2010 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले के एक छोटे गांव में कुछ जमीन खरीदी। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में मैं छुट्टियां बिताने नैनीताल जाता रहा, वहां की हल्दी, सब्जियों में प्रयोग करता और मैंने महसूस किया कि यह हल्दी कुछ विशेष गुण वाली है और फिर मैं हल्दी की खेती जैविक तरीके से करने में उत्सुक हुआ और हल्दी के साथ-साथ रागी की खेती भी शुरू कर दी। हल्दी मैं अपने घर, रिश्तेदारों व दोस्तों के लिए वहीं से लाने लगा और सभी ने प्रयोग करने के उपरांत हल्दी की गुणवत्ता को जांचा और सराहा। सभी ने मुझे सुझाव दिया कि इस हल्दी को बाजार में भी लाया जाय। फिर मैंने काफी विचार-विमर्श के बाद 2018 में बाजार में लाना भी शुरू कर दिया। बाजार से दूसरे मसाले व उत्पादों की भी मांग आनी प्रारंभ हुई। फिर मैंने हल्दी के साथ-साथ धनिया, जीरा, रागी आदि उत्पादों को भी बाजार में उपलब्ध कराना शुरू कर दिया और इस प्रकार मुझे इससे ठीक आमदनी होने लगी।
मैंने फिर अपने उत्पादों का ब्रांड वैदिक मसाले से शुरू कर दिया और एक फर्म बना दी। वैदिक मसाले ब्रांड को मैं विभिन्न खेती-बाड़ी के कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को जागरुक करने में प्रयासरत हूं। और काफी हद तक मैं सफल भी हो रहा हूं।
इसी वर्ष से मैंने गेहूं की खेती भी जैविक तरीकों से करनी शुरू की है और जैविक किसानों का समूह बनाकर इस दिशा में भी इमानदारी से कार्य करना चाहता हूं ताकि इस मुहिम में ज्यादा-ज्यादा लोग जुड़ें और घर के खाने को अलग पहचान दी जा सके। बेरोजगार युवाओं को खेती-बाड़ी से जुड़े व्यवसायों को भी छोटे स्तर से शुरुआत करनी चाहिए ताकि अपनी आजीविका ठीक ढंग से चलाई जा सके।
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