किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

औषधीय खेती की ओर किसानों के बढ़ते कदम

(दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर)।

8 फरवरी 2021, औषधीय खेती की ओर किसानों के बढ़ते कदम- बदली हुई परिस्थितियों में किसान परम्परागत खेती के अलावा अब खेती में नवाचार करने लगे हैं। इसी कड़ी में मंडलेश्वर के एक किसान ने औषधीय खेती की ओर कदम बढ़ाते हुए अश्वगंधा लगाया है। करीब 6 माह बाद इस फसल से अच्छे उत्पादन और बढिय़ा कीमत मिलने की उम्मीद है।

मंडलेश्वर निवासी किसान श्री सुनील पिता जगन्नाथ पाटीदार ने कृषक जगत को बताया कि 6 एकड़ में गेहूं और 8 एकड़ में गन्ना के अलावा उन्होंने एक बीघे में पहली बार अश्वगंधा लगाया है। इस औषधीय फसल के लिए श्री पाटीदार को बायोरे कम्पनी और आत्मा परियोजना के श्री जितेंद्र बिरला और श्री गणेश पाटीदार ने प्रेरित किया। अश्वगंधा का बीज बायोरे कम्पनी ने उपलब्ध कराया है, जो अश्वगंधा की फसल भी खरीदेगी। निमाड़ क्षेत्र में कसरावद, चोली, माकडख़ेड़ा, करोली, जलूद और लेपा आदि गांवों में भी किसानों ने औषधीय फसल अश्वगंधा को लगाया है। यह औषधीय खेती की ओर किसानों के बढ़ते कदम का संकेत है।

श्री पाटीदार ने 3 नवंबर को अश्वगंधा लगाया था, पौधों की ऊंचाई अभी 2-3 इंच ही हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार अब इसकी वृद्धि तेजी से होगी। पूर्णत: जैविक इस फसल में एक बार गोबर का सड़ा खाद डाला है। विशेषज्ञों ने गो मूत्र और फिर नीम तेल के स्प्रे की सलाह दी है। जैविक होने से लागत कम आएगी। सम्भवत: अप्रैल -मई तक फसल आ जाएगी। अश्वगंधा का उत्पादन 4-5 क्विंटल होने की उम्मीद है। अश्वगंधा का भाव 40 हजार से 80 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। नीमच मंडी में फिलहाल 40-42 हजार रुपए क्विंटल का भाव चल रहा है।

Advertisements